Alkaline Diet for Cancer: कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगी ये थाली, जानें- ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर में क्या खाएं?  

Alkaline Diet for Cancer: कैंसर के खिलाफ लड़ाई में एल्कलाइन डाइट सहायक हो सकती है. आइए जानते हैं ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर में कैसे होनी चाहिए आपकी थाली.

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Alkaline Diet for Cancer: कैंसर के खिलाफ लड़ाई में मदद करेगी ये थाली, इन चीजों को करें शामिल

Alkaline Diet for Cancer: हम सभी जानते हैं कि एक अच्छा खान- पान हमारे शरीर को स्वस्थ रखता है और ऊर्जा प्रदान करता है. ऐसे में शरीर को स्वस्थ रखने के लिए हमेशा हेल्दी डाइट लेने की सलाह दी जाती है. ऐसे में आज हम आपको ऐल्कलाइन डाइट के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे लेकर कहा गया है कि यह डाइट कैंसर के मरीजों के लिए काफी लाभदायक है. आइए जानते हैं.

क्या है एल्कलाइन डाइट (what is alkaline diet) : उचित कार्य के लिए, मानव शरीर को रक्तप्रवाह में  एसिड और एल्कलाइन का संतुलन जरूरी है. रक्त की सामान्य पीएच सीमा 7.35 से 7.45 है, जो थोड़ी एल्कलाइन है.  ऐल्कलाइन डाइट एक ऐसी डाइट है, जो आपके शरीर के कई दर्द को कम करने, ठीक होने में मदद करती है. बता दें, जब कैंसर बढ़ता है, तो शरीर में अक्सर सूजन, एसिडिटी और थकावट होती है, ऐसे में यह डाइट नेचुरल तरीके से कैंसर के पीड़ित को काफी हद तक मदद करती है और शरीर में मजबूती देती है. डाइट इस प्रकार है:-

- ताजी हरी सब्जियां, लौकी, कद्दू, चुकंदर जैसी सब्जियां पपीता, अमरूद, केला, तरबूज जैसे फल शामिल है
- नारियल, हर्बल चाय, नींबू पानी जैसे प्लांट बेस्ड ड्रिंक्स शामिल  है.
- बाजरा और जड़ वाली सब्जियां शामिल है.
- मोरिंगा, हल्दी, तुलसी, करी पत्ता शामिल है.

कैंसर के पीड़ित इन चीजों के साथ करें दिन की शुरुआत | Healthy foods to eat during cancer treatment

अपने दिन की शुरुआत ऐसे तरल पदार्थों से करें जो शुद्ध, ठंडे और जीवन-शक्ति ऊर्जा प्रदान करते हैं.  इसके बाद हल्का,  नाश्ता करें जो पचने में आसान हो.

सुबह खाली पेट जागने के बाद नीचे बताई गई कोई भी ड्रिंक पी सकते हैं.

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ऑप्शन A: चुटकी भर गुलाबी नमक के साथ गर्म नींबू पानी
ऑप्शन B: सादा या तुलसी/पुदीने के साथ लौकी का रस
ऑप्शन C: जीरा पानी या सादा कोमल नारियल पानी धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं.

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जानें- नाश्ते में क्या खा सकते हैं?

ऊपर बताई गई कोई भी ड्रिंक पीने के बाद  नाश्ता 30-45 मिनट के बाद करना उचित है. इनमें से कोई भी पौष्टिक प्लेट आप चुन सकते हैं.

ऑप्शन A: बाजरा दलिया + केले के टुकड़े, हर्बल चाय (तुलसी या करी पत्ता के साथ)
ऑप्शन B: रागी या मोती बाजरा डोसा + हरी चटनी (धनिया या मोरिंगा की) फलों का कटोरी (पपीता या अमरूद)
ऑप्शन C: छोटे बाजरे का उपयोग करके सब्जी उपमा + चुकंदर या पुदीने की चटनी और ताजे कटे हुए तरबूज या चीकू .

बता दें, इस तरह का भोजन आंत के उपचार में सहायक होते हैं और शरीर को ताकत प्रदान करते हैं.
 

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दोपहर के खाने में क्या खाएं?

ऑप्शन A:  स्टीम्ड बाजरा, कद्दू या  लौकी की सब्जी, नींबू के साथ खीरा और गाजर का सलाद.
ऑप्शन B: बाजरे की रोटी रोटियां (गेहूँ नहीं खाना है),  लौकी या तोरई की सब्जी, धनिया की चटनी, चुकंदर और गोभी का सलाद गरम जीरा-सौंफ का पानी.
ऑप्शन C: लौकी के चावल,  मोरिंगा के पत्ते की चटनी सरसों और हल्दी के साथ भाप से पकी हुई सब्जियां, छाछ जैसा पतला सूप (दही के बिना - नारियल के दूध से बनाया गया) हो.

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बता दें,  ये भोजन बिना एसिडिटी के ऊर्जा देते हैं. इन्हें खाने से काफी पोषण मिलेगा. 

कैसी होनी चाहिए डिनर की थाली?

रात का भोजन हल्का  होना चाहिए, ताकि पचाने में आसानी हो.
कैंसर से पीड़ित लोगों को रात का भोजन  शाम 7:00-8:00 बजे तक खाने की सलाह दी जाती है. रात के भोजन की थाली के ऑप्शन नीचे दिए गए हैं.

ऑप्शन A: अखरोट, कद्दू और मोरिंगा से बना गर्म सब्जी का सूप, नरम पके हुए बाजरा या जड़ वाली सब्जी का एक छोटा हिस्सा
ऑप्शन B: अदरक, करी पत्ता और हल्दी के साथ बाजरा पोंगल (समाई या छोटा बाजरा), नारियल या धनिया की चटनी.
ऑप्शन C: उबली हुई सब्जियां जैसे तुरई, लौकी, मोरिंगा या करी पत्ता की चटनी के साथ बाजरे की रोटी या लौकी के चावल का एक छोटा हिस्सा थाली में शामिल होगा.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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