Fatty Liver High Risk Groups: फैटी लिवर डिजीज आज भारत में तेजी से फैलती हुई एक साइलेंट हेल्थ क्राइसिस बन चुकी है. मशहूर लिवर एक्सपर्ट डॉ. एस. के. सरीन के अनुसार, यह बीमारी अब सिर्फ शराब पीने वालों तक सीमित नहीं रही, बल्कि हर तीन में से एक व्यक्ति इसके खतरे में है. डॉ. एस.के. सरीन कहते हैं कि फैटी लिवर, यानी लिवर में ज्यादा फैट जमा होना, सिर्फ शराब पीने वालों में ही नहीं, बल्कि नॉन-अल्कोहोलिक फैटी लिवर डिजीज़ (NAFLD) के रूप में उन लोगों में भी तेजी से बढ़ रहा है जो शराब नहीं पीते. हालांकि कुछ लोग फैटी लिवर को लेकर ज्यादा सेंसिटिव हो जाते हैं. यहां जानिए वे कौन लोग हैं जिनको फैटी लिवर की बीमारी का खतरा बहुत ज्यादा होता है.
यह भी पढ़ें: रोज सुबह इन हरी पत्तियों को चबाने से इन 5 स्वास्थ्य समस्याओं से मिल सकती है राहत, क्या आप जानते हैं?
फैटी लिवर किन लोगों को सबसे ज्यादा होता है?
- मोटापा
- टाइप 2 डायबिटीज़
- हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स
- इंसुलिन रेसिस्टेंस
- पीसीओएस (महिलाओं में)
- हाइपरटेंशन
- 65 वर्ष से ऊपर उम्र वाले लोग.
- परिवार में फैटी लिवर या मेटाबॉलिक सिंड्रोम का इतिहास
आदतें जो रिस्क बढ़ाती हैं:
- बहुत ज्यादा तला‑भुना, प्रोसेस्ड और मीठा खाना
- फिजिकल एक्टिविटी की कमी, लंबे समय तक बैठे रहना.
- देर रात खाना, बहुत ज्यादा स्नैकिंग
- धूम्रपान, शराब का ज़्यादा सेवन
- नींद की कमी और तनाव
क्या शराब पीने वालों को फैटी लिवर होना तय है?
नहीं. जबकि एल्कोहॉलिक फैटी लिवर शराब के कारण विकसित होता है, NAFLD में यही प्रक्रिया शराब बिना भी होती है. यानी शराब न पीने पर भी फैटी लिवर हो सकता है, बशर्ते अन्य जोखिम कारक मौजूद हों.
यह भी पढ़ें: अजवाइन और जीरे का इस तरह इस्तेमाल कर कम हो सकती है पेट की चर्बी, बॉडी मक्खन की तरह पिघलेगा
फैटी लिवर से बचने के लिए वजन कितना होना चाहिए?
डॉ. सरीन ने एक आसान फॉर्मूला बताया है:
पुरुषों के लिए: (Height in cm) − 100 = अपना ऑब्जेक्टिव वजन (किलोग्राम में)
महिलाओं के लिए: (Height in cm) - 105 = लक्ष्य वजन
परिवार में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल, कैंसर जैसी बीमारी हो तो इस लक्ष्य से और 5 kg कम रखें.
उदाहरण:
- 160 cm पुरुष: 60 kg
- 160 cm महिला: 55 kg (या 50 kg, अगर परिवार में ऊपर बताई गई समस्याएं हों)
फैटी लिवर क्यों बड़ी समस्या बनता जा रहा है?
- भारत में लगभग 30 प्रतिशत वयस्कों के लिवर में एक्स्ट्रा फैट पाई जाती है, सिर्फ शहरों में ही नहीं, बच्चों और किशोरों में भी इसका बढ़ता प्रचलन.
- अक्सर यह “साइलेंट किलर” कहे जाने वाली स्थिति होती है - क्योंकि शुरुआती स्टेज में लक्षण नहीं देते.
- देर से पहचान होने पर यह NASH, फाइब्रोसिस, सिरोसिस, लिवर कैंसर या फेलियर तक बढ़ सकता है.
- भारत में अनुमानित 25 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और लिवर ट्रांसप्लांट की जरूरत बढ़ रही है.
फैटी लिवर को कैसे ठीक करें? (How to Cure Fatty Liver?)
घरेलू और लाइफस्टाइल ऑप्शन्स
- वजन घटाएं, केवल 5–10 प्रतिशत वजन कम करना भी फर्क डाल सकता है.
- नियमित व्यायाम - हर दिन कम से कम 30–45 मिनट वॉक या एक्सरसाइज.
- संतुलित भोजन - लो फैट, कम चीनी, ज्यादा फाइबर
- शराब से पूर्णत: बचाव
- बढ़िया नींद और स्ट्रेस मैनेजमेंट
फैटी लिवर के लिए आयुर्वेदिक उपाय
आंवला, गिलोय, हल्दी, कुटकी जैसे जड़ी-बूटियां लिवर को डिटॉक्स और मजबूत बनाती हैं, लेकिन डॉक्टर से सलाह जरूरी.
मेडिकल चेक-अप:
अगर हाई रिस्क में हैं (जैसे मोटापा, डायबिटीज, हाई BP) तो नियमित लिवर फंक्शन टेस्ट और अल्ट्रासाउंड लें.
अगर लक्षण हैं - जैसे पेट के ऊपरी दाहिने हिस्से में भारीपन/दर्द, थकान, भूख कम लगना, वजन घटना इन सभी पर ध्यान दें और तुरंत जांच करवाएं.
Watch Video: किन लोगों को होती है फैटी लिवर की बीमारी? डॉक्टर सरीन से जानिए...
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)