हरियाणा लैंड स्कैम केस क्या है? रॉबर्ट वाड्रा पर लगे क्या आरोप, और कौन आरोपी, डिटेल में जानें

रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में करीब 3 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी. इस जमीन को लेकर ऐसा क्या हुआ कि वाड्रा फंस गए हैं. जानिए.

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हरियाणा लैंड स्कैम केस के बारे में जानिए.
गुरुग्राम:

हरियाणा लैंड स्कैम से जु़ड़े मनी लॉन्ड्रिंग (Haryana Land Scam Case) के जिस केस में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति और बिजनेसमैन रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) पूछताछ के लिए आज ईडी दफ्तर पहुंचे हैं, वह आखिर है क्या.  मामला कब और क्यों दर्ज हुआ. कौन-कौन आरोपी है, इसे यहां डिटेल में समझते हैं.

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हरियाणा लैंड स्कैम के बारे में जानिए, क्या हुआ था?

  • वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने जमीन खरीदी थी
  • 2008 में गुरुग्राम के शिकोहपुर गांव में जमीन खरीदी थी
  • करीब 3 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी गई थी
  • कुछ समय बाद हरियाणा के नगर नियोजन विभाग का नोटफिकेशन
  • इसी जमीन के 2.71 एकड़ हिस्से पर एक कॉलोनी बसाने का प्लान
  • वाड्रा की स्काईलाइट कंपनी ने DLF के साथ समझौता किया
  • 3 एकड़ जमीन 58 करोड़ रुपये में DLF को बेचने का समझौता
  • जमीन का सेल डीड DLF के पक्ष में रजिस्टर किया गया था
  • जमीन के सौदे में वाड्रा पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप

हरियाणा जमीन सौदा विवाद क्या है?

यह मामला 1 सितंबर, 2018 को दर्ज किया गया था. तौरू के रहने वाले सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर गुड़गांव के खेरकी दौला थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. शर्मा का आरोप था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी ने अन्य लोगों के साथ मिलकर उन्हें धोखा दिया है. इस मामले में हुड्डा को भी आरोपी बनाया गया. इस मामले में IPC की धारा 420, 120, 467, 468 और 471 के तहत मामला दर्ज किया गया था. बाद में IPC की धारा 423 के तहत नए आरोप जोड़े गए थे.

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रॉबर्ट वाड्रा पर क्या है आरोप?

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि रॉबर्ट वाड्रा की कंपनी स्काईलाइट ने फरवरी 2008 में गुड़गांव के शिकोहपुर में 3.5 एकड़ जमीन 7.5 करोड़ रुपये में ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज से खरीदी थी. कंपनी ने कमर्शियल लाइसेंस पाने के बाद उसी प्रॉपर्टी को रियल एस्टेट कंपनी DLF को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया था. ये भी आरोप लगाया गया था कि हरियाणा की तत्कालीन हुड्डा सरकार ने बदले में DLF को गुड़गांव के वजीराबाद में 350 एकड़ जमीन आवंटित की थी. प्रवर्तन निदेशालय इसी मामले में वाड्रा की कंपनी पर वित्तीय अनियमितताओं की जांच कर रही है.

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