'वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा': हरियाणा भाजपा की एक और वरिष्ठ नेता ने छोड़ी पार्टी

हरियाणा विधानसभा चुनाव Haryana Assembly Elections) से पहले भाजपा नेताओं का पार्टी छोड़ने का सिलसिला जारी है. अब पार्टी की प्रदेश उपाध्‍यक्ष संतोष यादव (Santosh Yadav) ने भी इस्‍तीफा दे दिया है.

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चंडीगढ़ :

हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) से कुछ हफ्ते पहले भाजपा (BJP) को एक और झटका लगा है. प्रदेश उपाध्यक्ष संतोष यादव (Santosh Yadav) ने पार्टी छोड़ दी है. साथ ही उन्‍होंने पार्टी पर वफादार कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने और उन नेताओं को प्राथमिकता देने का आरोप लगाया है, जिन्होंने संगठन के लिए कभी काम नहीं किया है. संतोष यादव पूर्व में डिप्टी स्पीकर भी रह चुकी हैं. उन्‍होंने हरियाणा चुनाव के लिए पार्टी द्वारा घोषित उम्मीदवारों की दो सूचियों में टिकट नहीं मिलने के बाद इस्तीफा दे दिया है. टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा से कुछ अन्‍य नेता भी इस्‍तीफा दे चुके हैं. 

सूत्रों के मुताबिक, संतोष यादव अटेली विधानसभा सीट से टिकट की मांग कर रही थीं. हालांकि पार्टी ने मंगलवार को भाजपा द्वारा जारी 21 उम्मीदवारों की दूसरी सूची में इस विधानसभा सीट से केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती सिंह राव को उम्‍मीदवार बनाया है. 

कार्यकर्ताओं में निराशा और असंतोष : यादव 

हरियाणा भाजपा अध्यक्ष को भेजे गए एक पत्र में यादव ने लिखा कि पार्टी के प्रति उनका समर्पण अटूट रहा है और उन्होंने हर स्थिति में इसके सिद्धांतों और नीतियों का पालन किया है. 

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उन्‍होंने लिखा, "लेकिन बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पार्टी उन लोगों की उपेक्षा कर रही है जिन्होंने जमीनी स्तर पर इसके लिए संघर्ष किया, समर्पण के साथ काम किया और पार्टी को मजबूत करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. ऐसे समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है और उन लोगों को प्राथमिकता दी जा रही है, जिन्होंने न तो पार्टी के लिए काम किया और न अपने विधानसभा क्षेत्र के नागरिकों के लिए. यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पार्टी कार्यकर्ताओं में निराशा और असंतोष व्‍याप्‍त हो रहा है."

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यादव का पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा हरियाणा भाजपा में उनके एक साथी उपाध्यक्ष जीएल शर्मा के रविवार को 250 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ कांग्रेस में शामिल होने के दो दिन बाद आया है.

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हरियाणा के पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने शनिवार को तब भाजपा से इस्तीफा दे दिया था, जब पार्टी ने जननायक जनता पार्टी के बागी राम कुमार गौतम को सफीदों विधानसभा क्षेत्र से मैदान में उतारने का फैसला किया था. राम कुमार गौतम इस महीने की शुरुआत में पार्टी में शामिल हुए थे.  

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प्रदेश के कई कद्दावर नेताओं ने छोड़ी पार्टी

पार्टी ने हरियाणा के दो मंत्रियों ऊर्जा मंत्री रणजीत सिंह चौटाला और सामाजिक न्याय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बिशंभर सिंह वाल्मिकी के साथ ही विधायक लक्ष्मण नापा को टिकट देने से इनकार कर दिया था. प्रमुख ओबीसी नेता करण देव कंबोज ने भी इसी कारण से भाजपा में सभी पदों से इस्तीफा दे दिया. 

79 साल के चौटाला के भाजपा छोड़ने से पार्टी को नुकसान हो सकता है, क्योंकि वह हरियाणा के सबसे बड़े नेताओं में से एक चौधरी देवीलाल के बेटे हैं. देवीलाल दो बार मुख्यमंत्री और एक बार उपप्रधानमंत्री भी रहे हैं. 

यादव की तरह ही कुछ अन्‍य नेताओं ने भी यह दावा किया था कि भाजपा में वफादारों को महत्व नहीं दिया जा रहा है. 

कंबोज ने कहा था, "शायद भाजपा को अब वफादारों की जरूरत नहीं है." साथ ही उन्‍होंने कहा था कि पार्टी उन नेताओं को पुरस्कृत कर रही है, जो हाल ही में इसमें शामिल हुए हैं.  जबकि उन लोगों की अनदेखी की जा रही है जिन्होंने वर्षों तक सेवा की है. 

'कमल केवल एक व्यक्ति को दिया जा सकता है'

नेताओं के पार्टी छोड़ने के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पिछले हफ्ते कहा था कि उम्मीदवार बदलने की अटकलें बंद होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने की कोई गुंजाइश नहीं है. उन्होंने कहा था, "हर कोई टिकट चाहता है, लेकिन 'कमल' (भाजपा का प्रतीक) केवल एक ही व्यक्ति को दिया जा सकता है... टिकट चाहने वालों का नाराज होना स्वाभाविक है, लेकिन उन्हें मना लिया जाएगा."

हरियाणा की सभी 90 विधानसभा सीटों के लिए मतदान 5 अक्टूबर को होगा और मतगणना 8 अक्टूबर को होगी. भाजपा राज्य की सत्ता पर अपनी पकड़ बरकरार रखने की कोशिश कर रही है, जहां वह 2014 से सत्ता में है. हालांकि उसे पुनर्जीवित कांग्रेस से चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. 

अपनी दो सूचियों के साथ भाजपा ने अब तक 88 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए हैं, जिनमें लाडवा निर्वाचन क्षेत्र से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी शामिल हैं. 

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