हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंगलवार को दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. उन्होंने प्रधानमंत्री से हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा संपन्न राज्य बनाने के लिए केंद्र से सहायता मांगी. उन्होंने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों से भी प्रधानमंत्री को अवगत करवाया. सीएम सुक्खू ने कहा कि ताप विद्युत खरीद की शर्तों एवं नियमों में राहत देते हुए राज्य को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए क्योंकि प्रदेश जल्द ही हरित ऊर्जा निर्भर राज्य बनने जा रहा है.
हिमाचल में इलेक्ट्रिक बसों को दिया जा रहा है बढ़ावा
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि ग्रीन एनर्जी की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य में इलेक्ट्रिक बसों को बढ़ावा दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने ई-बसों की फंडिंग के लिए नाबार्ड के तहत ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) ऋण प्रदान करने की अनुमति देने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि स्पीति में 1000 मेगावॉट हाइब्रिड सौर और पवन ऊर्जा उत्पादन की क्षमता है जिसका ग्रीन कॉरिडोर ट्रांसमिशन के जरिए दोहन किया जा सकता है.
सीएम ने उठाया लंबित बिजली परियोजनाओं का मुद्दा
सीएम सुक्खू ने कहा कि सतलुज घाटी मे सौर, पवन और जलविद्युत ऊर्जा की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने प्रधानमंत्री को केंद्र सरकार के पास लंबित बिजली परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों को भी उठाया. सुक्खू ने कहा कि बार-बार आग्रह करने के बावजूद भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने काफी समय से लंबित एरियर का हिमाचल प्रदेश को भुगतान नहीं किया गया है. इसके अलावा शानन पावर प्रोजेक्ट की पट्टा अवधि पूरी होने के बावजूद प्रदेश को अभी तक इसका मालिकाना हक नहीं मिल पाया है. उन्होंने एसजेवीएन और एनएचपीसी की बिजली परियोजनाओं को दी जा रही निशुल्क पावर रॉयल्टी का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया और इस संबंध में अनुकूल निर्णय लेने का आग्रह किया.
कांगड़ा बन रहा है पर्यटन राजधानी
मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रधानमंत्री को राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को प्रोत्साहित करने के लिए किए जा रहे विशेष प्रयासों की भी जानकारी दी. उन्होंने कहा कि कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के तौर पर विकसित किया जा रहा है, वहीं कांगड़ा एयरपोर्ट के विस्तार की प्रक्रिया भी जारी है. उन्होंने केंद्र सरकार से भूमि अधिग्रहण का पचास फीसदी खर्च उठाने और हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए विशेष अनुदान देने का भी आग्रह किया. उन्होंने पर्यटन, रोजगार और आर्थिक विकास के लिए पर्यटन विशेष आर्थिक क्षेत्र के लिए नीति बनाने का सुझाव दिया. मुख्यमंत्री ने कहा हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य से इस तरह की नीति को शुरू करना बहुत लाभदायक होगा.