चंडीगढ़: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बृहस्पतिवार को कहा कि हरियाणा सरकार ने नगर निकाय की सीमा के बाहर स्थित उन 450 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने का फैसला किया है, जो नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के दायरे में भी आती हैं. खट्टर ने कहा कि जिन 450 कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया गया है, उनमें नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाली 239 और शहरी स्थानीय निकाय विभाग के तहत आने वाली 211 कॉलोनियां शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इस फैसले से 2014 से अब तक कुल 1,135 अनधिकृत कॉलोनियां नियमित हो जायेंगी. अनधिकृत कॉलोनियों के संबंध में योजनाएं साझा करते हुए, मुख्यमंत्री ने यहां कहा कि 1,856 अनधिकृत कॉलोनियां को नियमित किए जाने की योजना विचाराधीन है जिनमें से 727 नगर और ग्राम नियोजन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आती हैं, जबकि 1,129 कॉलोनियां शहरी स्थानीय विभाग के अधीन आती हैं.
"874 अनधिकृत कॉलोनियों को किया गया नियमित"
राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार और पिछली सरकार के बीच अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने में असमानता को रेखांकित करते हुए खट्टर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में 874 अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित किया. उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ने इस संबंध में मानदंडों में ढील देकर नागरिक सुविधा पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक अलग दृष्टिकोण अपनाया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि नगर निकाय सीमा से बाहर अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले निवासी लंबे समय से जरूरी सुविधाओं से वंचित रहे हैं और सरकार ने इन परेशानियों को समझते हुए, इन कॉलोनियों को नियमित करने का कार्य किया है. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाली अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने के लिए उक्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है.
इस समिति ने जीवन स्थितियों में सुधार के लिए कई सिफारिशें की थी. खट्टर ने कहा, “इन सिफारिशों के आधार पर, हमने न्यूनतम दो एकड़ के क्षेत्रफल में फैली अलग अलग कॉलोनियों को नियमित करने का निर्णय लिया है. इस कदम से इन क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों के जीवन में परिवर्तनकारी बदलाव आने की उम्मीद है.”
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