World's Most Expensive Rice: दक्षिण एशिया के हर देश की संस्कृति, खानपान, भाषा, इतिहास और विरासत अलग-अलग है. लेकिन इन सभी में एक चीज़ कॉमन है और वो है चावल के लिए प्यार. भारत और बांग्लादेश से लेकर दक्षिण कोरिया और जापान तक, चावल हर घर के दैनिक भोजन का हिस्सा होता है. चावल को लोग अपनी पसंद के हिसाब से खाते हैं. कभी चावल को कभी तेज आँच पर फ्राई किया जाता है, कभी धीमी आँच पर पकाया जाता है, तो कभी सुशी में लपेट कर इसको बनाया जाता है. हर देश में इसकी अलग-अलग किस्में पाई जाती हैं, जिनका इस्तेमाल अलग-अलग व्यंजनों में स्वाद और टेक्सचर को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
हालाँकि ज्यादातर चावल किफायती होते हैं, लेकिन एक किस्म ऐसी है जिसे लग्जरी चावल कहा जाता है. जापानी Kinmemai Premium. यह जापान के खास चावलों का उपयोग करके बनाया जाता है और Toyo Rice Corporation की उन्नत “राइस-बफिंग” तकनीक से तैयार किया जाता है. इसे कम से कम छह महीने तक फ्लेवर-एज्ड किया जाता है. यही कारण है कि इसे दुनिया का सबसे महंगा चावल माना जाता है. जापानी Kinmemai Premium: दुनिया का पहला हैंड-सेलेक्टेड और रिंस-फ्री चावल
ये भी पढ़ें: क्या शराब की भी होती है एक्सपायरी? जानिए ढक्कन खुलने के कितने दिन बाद तक कर सकते हैं इसका सेवन
आमतौर पर चावल पकाने से पहले उसे कई बार धोया जाता है, ताकि इसका स्टार्च और गंदगी हट जाए. लेकिन Kinmemai Premium को ऐसी तकनीक से पॉलिश किया जाता है कि इसमें मौजूद ब्रान और एक्सट्रा स्टार्च पहले से ही हटे होते हैं. इसलिए इसे पकाने से पहले धोने की जरूरत नहीं पड़ती. कंपनी का दावा है कि यह चावल पोषण के मामले में भी खास है. इसमें सामान्य चावल की तुलना में 6 गुना ज्यादा LPS (लिपोपॉलिसैकेराइड्स) होते हैं, जो इम्युनिटी बढ़ाने और शरीर को बीमारियों से लड़ने में मदद करते हैं.
यह चावल मुख्य रूप से जापान के Koshihikari क्षेत्र में उगाया जाता है. यह इलाका पहाड़ों से घिरा होने के कारण तापमान और प्राकृतिक झरनों से मिलने वाला मिनरल युक्त जल चावल उगाने के लिए आदर्श माना जाता है.
यह इतना महंगा क्यों है?
Kinmemai Premium के हर दाने को हाथों से चुना जाता है. इसमें Pikamaru और Koshihikari जैसे बेहतरीन चावल की किस्मों का इस्तेमाल होता है, जिन्हें सामान्य चावल से लगभग आठ गुना ज्यादा कीमत पर खरीदा जाता है. इसके बाद इन्हें खास एजिंग प्रोसेस से गुजारा जाता है, जो इनके स्वाद और बनावट को और बेहतर बनाता है. चावल बफिंग तकनीक से इसके दानों की बाहरी मोम जैसी परत हटाई जाती है, जो पचाने में कठिन होती है, लेकिन इसके प्राकृतिक स्वाद और पौष्टिकता को बरकरार रखा जाता है.
कितनी है कीमत ?
2016 में Kinmemai Premium को लॉन्च किया गया था. उस समय 840 ग्राम की कीमत 9,496 जापानी येन (लगभग ₹5,490) थी. जबकि साधारण चावल 300–400 येन प्रति किलो (₹173–₹231) में बिकते थे.
वर्तमान समय में इसकी कीमत वेबसाइट के अनुसार SGD $155 (140 ग्राम × 6 पैक), यानी लगभग ₹10,548 में 840 ग्राम है. इसका मतलब, 1 किलो लगभग ₹12,500 पड़ता है.
हालांकि यह दुनिया के सबसे महंगे चावलों में से एक है, फिर भी इसके निर्माता Keiji Saika कहते हैं कि यह व्यवसाय बहुत लाभदायक नहीं है. लेकिन यह जापानी चावल को दुनियाभर में पहचान दिलाने का उनका एक प्रयास है.
History of Samosa- Swaad Ka Safar | समोसे का इतिहास | जानें ईरान से भारत कैसे पहुंचा समोसा
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














