10 या 11 अक्टूबर किस दिन है कन्या पूजन? जानें इस दिन बनाई जाने वाली रेसिपीज

Kanya Pujan Date: शारदीय नवरात्रि का पर्व बेहद खास माना जाता है. इस पर्व का समापन विजय दशमी पर होता है लेकिन इससे पहले कन्या पूजन का विशेष महत्व है.

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Kanya Pujan 2024 Date: 3 अक्टूबर से शुरू हुए नवरात्रि के महापर्व का समापन विजयादशमी के साथ 12 अक्टूबर को होगा. मां दुर्गा की आराधना के इस त्योहार में महा अष्टमी और महानवमी पर कन्या पूजन का विधान है. जिसमें छोटी-छोटी कन्याओं और कंजक को भोजन कराया जाता है और दक्षिणा देकर उनसे आशीर्वाद लिया जाता है. महाअष्टमी और महानवमी का विशेष महत्व है. कुछ लोग महाष्टमी को तो कुछ नवमी को कन्या पूजन करते हैं. इस वर्ष कन्या पूजन कब किया जाएगा, इसका क्या महत्व है और इस दौरान कन्याओं को क्या खिलाया जाता है यहां जानें. 

कब है कन्या पूजन? When Is Kanya Pujan?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि का शुभारंभ 10 अक्टूबर को दोपहर 12:31 बजे से हो रहा है. जिसका समापन 11 अक्टूबर को दोपहर 12:06 बजे होगा. उदया तिथि के चलते महाअष्टमी 11 अक्टूबर दिन शुक्रवार को मनाई जा रही है. इस वर्ष महा अष्टमी और महानवमी एक ही दिन यानी 11 अक्टूबर को पड़ रही है.

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इस तरह करें कन्या पूजन- How To Do Kanya Pujan?
कन्या पूजन के लिए दो वर्ष से दस वर्ष की आयु वाली कन्याओं को एक कंजक के साथ सम्मान पूर्वक आमंत्रित करें. अब इनके पैर साफ़ पानी से धोकर आसन पर बैठाएं इसके बाद सभी को कुमकुम और अक्षत से तिलक करें. इस दौरान मां दुर्गा को भोग लगाएं. इसके लिए गाय के गोबर से बने उपलों पर अंगार जला कर कन्याओं के लिए बनाए गए भोजन में से थोड़ा-थोड़ा निकाल कर पूजा स्थल पर अर्पित करें. अब सभी कन्याओं और कंजकों को प्रसाद स्वरूप भोजन कराएं उन्हें फल, सामर्थ्य अनुसार दक्षिणा और इस्तेमाल में आने वाले उपहार दें. अंत में उनका आशीर्वाद लें और सम्मान पूर्वक विदा करें.

क्या बनाएं कन्या पूजन के भोजन में- (What To Make For Kanya Pujan Bhog?

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सदियों से चली आ रही कन्या पूजन की इस परंपरा में कन्याओं और कंजकों को हलवा, छोले की सब्जी और पुरी का प्रसाद दिया जाता है. कन्या भोजन में पूड़ी साधारण आटे की या मीठी पूड़ी बना सकते हैं. इस दौरान छोले की सब्जी का भी विशेष महत्व है. छोले की सब्जी बिना लहसुन प्याज की बनाकर कन्या भोजन में परोसना चाहिए. कन्या पूजन बिना हलवे के अधूरा माना जाता है. इस दौरान आप सूजी का हलवा ज़रूर बनाएं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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