क्या आप भी बार-बार खाने को गर्म कर के खाते हैं तो हो जाएं सावधान, बढ़ सकता है कैंसर का खतरा!

Khana Garam Kar Ke Khane ke Nuksaan: आप भी टाइम बचाने के लिए खाना ज्यादा बनाकर रख लेते हैं और उसको गर्म कर के खाते हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है, क्योंकि आपकी ये आदत आपको गंभीर जानलेवा बीमारी का शिकार बना सकता है.

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Khana Garam Kar k Khane ke nuksan: खाने को बार-बार गर्म करके खाने से क्या होता है?

Khana Garam Kar Ke Khane ke Nuksaan: आज की तेज-रफ्तार जीवनशैली में लोग अक्सर समय बचाने के लिए पका हुआ खाना बार-बार गर्म करके खाते हैं. लेकिन आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा विज्ञान दोनों इस आदत को बेहद खतरनाक मानते हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार गर्म किया गया खाना पोषण कम और जहर अधिक बन जाता है. यह न सिर्फ पाचन पर असर डालता है, बल्कि शरीर में जहरीले तत्व यानी टॉक्सिन्स जमा करके गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है. आयुर्वेद में दोबारा गर्म किए गए खाने को 'अमवर्धक' और 'वीर्यहीन' कहा जाता है, यानी ऐसे खाने से न तो शरीर को कोई ताकत मिलती है और न ही यह पेट में ठीक से पचता है, बल्कि शरीर को धीरे-धीरे कमजोर कर जाता है और रोगों को बढ़ाता है.

आधुनिक विज्ञान भी इस चेतावनी की पुष्टि करता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, पके हुए खाने को दोबारा गर्म करते समय उसका तापमान कम से कम 70 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचना चाहिए ताकि बैक्टीरिया नष्ट हो सकें. लेकिन यह प्रक्रिया सिर्फ एक बार करनी चाहिए. बार-बार गर्म करने से न केवल पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं, बल्कि कुछ खाद्य पदार्थों में कैंसरकारक रसायन भी बन सकते हैं. उदाहरण के लिए, प्रोटीन युक्त आहार जैसे अंडा या चिकन को बार-बार गर्म करने से उसका प्रोटीन संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे शरीर के लिए उसे पचाना काफी कठिन हो जाता है.

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वहीं, पके हुए चावल या पास्ता में बैक्टीरिया पनप सकते हैं, जो दोबारा गर्म करने पर भी पूरी तरह नष्ट नहीं होते, जिससे फूड पॉइजनिंग का खतरा बढ़ जाता है. आलू, ब्रेड और तले हुए व्यंजन जैसे पकौड़े, समोसे आदि को बार-बार गर्म करने पर अक्रिलामाइड नामक रसायन बनता है, जो लंबे समय तक सेवन करने पर कैंसर का कारण साबित हो सकता है. आयुर्वेद और विज्ञान, दोनों की सलाह है कि भोजन को हमेशा ताजा और सीमित मात्रा में बनाएं.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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