Green Elaichi Benefits: कभी-कभी हमारे हेल्थ में छोटी-छोटी चीजें भी बड़े-बड़े बदलाव ला देती है. आज हम बात करेंगे हमारे किचन में पाई जाने वाली एक छोटी सी चीज ग्रीन कार्डेमम यानी इलायची के बारे में. अगर आपको भी लगता है कि हरी इलायची सिर्फ खाने का स्वाद और महक बढ़ाने के काम आती है तो आपको गलत लगता है. बता दें कि हरी इलायची में इतनी शक्ति होती है कि आप सोच भी नहीं सकते. आयुर्वेद कहता है कि ये सात्विक और त्रिदोष बैलेंसिंग वाला मसाला है. वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है. अगर आप रोज दो इलायची को15 दिनों तक लगातार खाएंगे तक खाएंगे तो आप अपने शरीर में कुछ खास बदलाव महसूस करेंगे. तो चलिए जानते हैं 15 दिनों तक लगातार 2 इलायची खाने का आपके शरीर पर कैसा असर पड़ता है.
हरी इलायची चबाने के फायदे ( Hari Elaichi Chabane ke Fayde)
ये भी पढ़ें: सर्दियों में बढ़ जाती है चाय की तलब? इन हरी पत्तियों से बढ़ाएं चाय की ताकत
हार्ट के लिए फायदेमंद
हरी इलायची एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है और नेचुरल डायरेटिक का भी काम करती है. इसका मतलब ये हुआ कि ये शरीर से एक्स्ट्रा पानी या नमक निकालने में मदद करती है. जिससे ब्लड वेसल्स पर प्रेशर कम होता है. कुछ स्टडीज कहती हैं कि रोजाना इलायची खाने से ब्लड प्रेशर कम होता है. खासकर अगर आपका ब्लड प्रेशर थोड़ा हाई या बॉर्डर लाइन पर हो.
डाइजेशन
हरी इलायची का सेवन डाइजेशन के लिए भी फायदेमंद होता है. डाइजेशन की प्रॉब्लम्स जैसे खाने के बाद गैस, हैवीनेस या ब्लोटिंग होना ये काफी कॉमन है. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है या स्ट्रेस बढ़ता है, हमारी डाइजेस्टिव फायर या जठराग्नि कमजोर हो जाती है. इलायची अग्नि को प्रदीप्त करती है और डाइजेस्टिव एंजाइम रिलीज करने में मदद करती है.
मुंह की बदबू
मुंह की बदबू ये सिग्नल देती है कि आपकी गट में या मुंह में कुछ ठीक नहीं है. इलायची के एसेंशियल ऑयल में स्ट्रांग एंटीबक्टीरियल प्रॉपर्टीज होती है जो बैक्टीरियास को मारते हैं और मुंह से आने वाली बदबू को दूर करते हैं.
सीजनल प्रॉब्लम्स
बारिश या सर्दी में लोग अक्सर ब्लॉक्ड नोज और साइनस का शिकार हो जाते हैं. इलायची वार्मिंग नेचर की होती है. यह फ्लेम लूजन करने, चेस्ट कंजेशन कम करने और सांस लेने में मदद करती है. इसकी एक्सपेक्टोर प्रॉपर्टी अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और स्टबन कोल्ड में भी काम आती है.
होममेड कफ सिरप
आप इसका कफ सीरप भी बना सकते हैं. इसके लिए थोड़ा इलायची पाउडर, कच्चा शहद, एक नींबू का रस और एक चुटकी काली मिर्च मिलाएं. रोज एक चम्मच लेने से गले में जलन और जुकाम में फायदा होगा.
इलायची की चाय
तीन से चार इलायची के पॉट्स क्रश करें. पानी में इसे दो से 3 मिनट उबालें और गरमागरम पिए. इसमें थोड़ी काली मिर्च डालें. ये सूदिंग, कंफर्टिंग और धीरे-धीरे डिटॉक्सिफाइंग है.
कैसे करें सेवन
हरी इलायची का सेवन आपको बस खाने के बाद 2 इलायची को चबाकर खा लेना है. 15 दिनों तक लगातार 2 इलायची का सेवन धीरे-धीरे ब्लोटिंग और डिसकंफर्ट की समस्या को दूर करने के साथ ही आपके डाइजेशन को बेहतर बनाने में मदद करेगा. खाना पेट में पत्थर जैसा नहीं बैठा रहेगा. इसीलिए पहले के जमाने में लोग इलायची खाते ही थे खाने के बाद. यह सिर्फ लग्जरी ही नहीं आयुर्वेदिक हजीन का एक तरीका था.
आप चाहे तो इलायची के बीजों को सौंफ और अजवाइन के साथ मिलाकर एक अच्छा सा माउथ फ्रेशनर बना सकते हैं. इससे पाचन बेहतर होगा और सांस नेचुरली ताजा रहेगी.
15 दिन तक रोज खाने से क्या होगा?
आप अंदर से हल्का महसूस करेंगे. खाने के बाद जो ब्लोटिंग होती है, वो चली जाएगी. सांस नेचुरली फ्रेश महसूस होगी. साइनसिस क्लियर हो जाएंगे. ब्लड प्रेशर धीरे-धीरे हेल्दी लेवल की ओर बढ़ेगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














