ज्यादा सामाजिक होने से मरीजों की हालत सुधर सकती है : अध्ययन

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वॉशिंगटन: डॉक्टरों के पास भागने या क्लीनिकों में समय गुजारने की बजाए दोस्तों और परिवार के साथ संबंध ठीक करने से मरीजों की हालत में असरदार तरीके से सुधार हो सकता है ।

एक नए अध्ययन में अध्ययनकर्ताओं ने असरदार सामाजिक सहभागिता का सुझाव दिया है, जिससे कि स्वास्थ्य में सुधार होगा और उनकी स्वीकार्यता बढ़ेगी।

अमेरिका में पेनसेलवानिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड आश ने कहा, ‘‘ मरीज के अपने फैसले लेते वक्त अधिकतर उनके पास उनके हमसफर अथवा मित्र होते हैं। मसलन कि मरीज टेलीविजन देखने का फैसला लेता है या घूमने का। रेस्तरां में कैसा आर्डर देता है।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि लोग ज्यादा प्रभावित उनसे होते हैं जो कि हर दिन उनके इर्द-गिर्द होते हैं बजाए डॉक्टरों और नर्सों के जिनसे वो कभी कभार ही सम्पर्क करते हैं। स्वास्थ्य के लिए सामाजिक ताने बाने के इन निशुल्क संवादों का फायदा ज्यादा नहीं उठाया गया है।’’ आश ने कहा कि निजता को लेकर चिंता के चलते अक्सर चिकित्सक अथवा अस्पताल मरीज को सामाजिक तालमेल से रोकते हैं लेकिन जहां निजता कुछ परिस्थितियों में कुछ मरीजों को लिये जरूरी हैं वहीं मरीज अक्सर पसंद करते हैं कि उनके मित्र और परिजन उनके स्वास्थ को नियंत्रित रखने में उनकी मदद करें ।

अध्ययन न्यू इंग्लैन्ड जर्नल आफ मेडिसन में प्रकाशित हुआ है ।

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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