Haldi Chai Ke Fayde : देश और दुनिया में चाय के शौकीन लोगों की कोई कमी नहीं है. कुछ लोग सुबह नींद खुलने से लेकर रात को सोने से पहले तक एक दिन में कई-कई बार चाय पी लेते हैं. वहीं कुछ लोगों को रोजाना किसी खास वक्त पर चाय की तलब लगती है. साधारण दूध वाली चाय से बोर होकर कई लोग ग्रीन टी, ब्लैक टी और हर्बल टी जैसे कई विकल्प भी तलाश लेते हैं. वहीं, सेहत को लेकर जागरूक कुछ टी लवर्स रसोई में पाए जाने वाले कई मसालों की चाय बनाने का प्रयोग भी करते हैं. टरमरिक टी या हल्दी की चाय इन्हीं सेहतमंद प्रयोगों में से एक है.
आयुर्वेद से लेकर एलोपैथ तक हल्दी की चाय पर एक जैसी राय
आयुर्वेद के जानकारों के अलावा मॉडर्न मेडिकल साइंस भी हल्दी के गुणों और उसके असर को लेकर एक जैसी राय रखते हैं. आमतौर पर हल्दी की चाय को सेहत के लिए फायदेमंद बताया जाता है. हालांकि, कुछ डाइटिशियन हल्दी की चाय के सेवन को लेकर भी सावधानी बरतने की सिफारिश करते हैं. क्योंकि कई बार सही तरीके से नहीं पीने पर इसके कुछ साइड इफेक्ट भी सामने आ जाते हैं. आइए, जानते हैं कि हल्दी की चाय कैसे बनाई जाती है और इसे पीने से सेहत को होने वाले फायदे-नुकसान क्या हैं.
हल्दी की चाय बनाने की रेसिपी क्या है? (What is Recipe of Turmeric Tea/Water)
हर भारतीय रसोई की जान हल्दी की चाय बनाने का तरीका बेहद आसान है. साधारण चाय के मुकाबले हल्दी की चाय बनाने में समय भी कम लगता है. हल्दी, पानी, चीनी, शहद और नींबू के साथ इसे कुछ ही मिनटों में तैयार कर पीया जा सकता है. स्वाद के लिए इसमें कभी-कभार थोड़ा काला नमक, इलायची और अदरक भी मिलाया जा सकता है.
हल्दी की चाय बनाने की रेसिपी के मुताबिक, गैस जलाने के बाद सबसे पहले पानी गर्म करना होता है. फिर उसमें कच्ची हल्दी की गांठ या सूखी हल्दी का पाउडर डालकर उबाला जाता है. शुरुआती उबाल के बाद उसमें चीनी, शहद या गुड़, इलायची और अदरक डाला जाता है. हल्की आंच पर ही कुछ मिनटों तक रखने के बाद चाय को छान लेते हैं. आखिर में स्वाद के लिए नींबू का रस और काला नमक डालकर हल्दी की चाय को सर्व किया जा सकता है.
हल्दी की चाय पीने से सेहत को मिलने वाले फायदे क्या हैं? (What are the health benefits of drinking turmeric tea?)
एक्सपर्ट डाइटिशियन के मुताबिक, घर में आसानी से बनाए जा सकने वाले गोल्डन मसाले यानी हल्दी की चाय पीने से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं. मोटापा घटाने, वजन पर काबू करने, सूजन कम करने, दिल को सेहतमंद रखने और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए हल्दी की चाय पीने को काफी कारगर नुस्खा माना जाता है. हल्दी की चाय में पाया जाने वाला करक्यूमिन पेट और कमर के साथ ही शरीर के दूसरे अंगों के आस-पास जमी एक्स्ट्रा चर्बी या वसा को घटाने में भी मदद करता है.
हल्दी की चाय क्यों होती है हेल्दी? कैसे बूस्ट करती है इम्यूनिटी? (Why is turmeric tea healthy? How does it boost immunity?)
पाचन क्रिया को ठीक करने और मेटाबॉलिज्म के स्तर को बढ़ाने के गुणों वाले हल्दी की चाय पीने से इम्यूनिटी सिस्टम को भी ताकत मिलती है. आयुर्वेद में तो हल्दी को पानी में मिलाकर पीने को भी एंटीऑक्सीडेंट का सुनहरा स्रोत बताया गया है. रिसर्च के मुताबिक, हल्दी की चाय में अदरक मिलाकर पीने पर शरीर की इम्यूनोमोड्यूलेटिंग क्षमता भी बढ़ती है. इस चाय के एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल गुण भी इम्यूनिटी को बढ़ाता है.
किन-किन बीमारियों में राहत दिलाती है हल्की की चाय? (In which diseases does Halki tea provide relief?)
हल्दी में पाए जाने वाले कंपाउंड्स लिवर को भी डिटॉक्स करते हैं. हल्दी की चाय बनाकर पीने से आर्थराइटिस के दर्द कम होते हैं. इस चाय में मौजूद एंटी इंफ्लामेटरी गुण सूजन को कम करने मदद करते हैं. इससे कमर समेत शरीर के कई अंगों के दर्द में राहत मिलती है. एंटी डायबिटिक गुणों के कारण हल्दी की चाय के सेवन से शरीर में इंसुलिन और ग्लूकोज की मात्रा को सुधारने में भी मदद मिलती है.
ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने के अलावा एलडीसी कोलेस्ट्रॉल को घटाने में भी हल्दी की चाय कारगर मानी जाती है. इसके कारण दिल की सेहत भी बेहतर बनी रहती है. हल्दी की चाय को प्राकृतिक तौर पर ब्रेन के फंक्शंस को सुधारने और सही रखने के लिए कारगर उपाय कहा जाता है. इसके कारण डिमेंशिया और अल्जाइमर के पीड़ितों को भी राहत पहुंचाता है. हल्दी का नियमित सेवन हार्ट और ब्रेन स्ट्रोक के जोखिम को भी कम कर देता है.
हल्दी की चाय पीने से कब और कैसे होता है नुकसान ?(What is Side Effects of Turmeric Tea)
डाइटिशियन के मुताबिक, असंतुलित मात्रा में हल्दी की चाय का सेवन करने से नुकसान की आशंका बढ़ जाती है. हल्दी की तासीर गर्म होती है. इस गर्म मसाला का ज्यादा सेवन करने से गर्मियों के मौसम में अक्सर पेट से जुड़ी समस्या बढ़ जाती है. हल्दी की चाय अधिक बार पीने से मल का रंग बदलना, दस्त होना और उल्टी की शिकायत होने लगती है. इसके अलावा, हल्दी की चाय को सही तरीके से नहीं पीने पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रिफ्लक्स की दिक्कत भी सामने आती है. इसके चलते पेट में बनने वाले एसिड गैस बनकर एसोफोगस तक आ सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)