Foods To Improve Eyesight : सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक हमारी आंखें लगातार मोबाइल, लैपटॉप, टीवी और टैबलेट की स्क्रीन से जुड़ी रहती हैं. यही कारण है कि अब आंखों से जुड़ी परेशानियां हर उम्र के लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं. पहले जो समस्याएं केवल उम्र बढ़ने पर होती थीं, अब वह छोटे बच्चों में भी देखी जा रही हैं. क्या आपने कभी महसूस किया है कि आपकी आंखें जल्दी थकने लगी हैं, या रात में धुंधला दिखने लगा है? ऐसा लगातार स्क्रीन देखने, नींद की कमी, गलत खानपान और तनाव के कारण हो सकता है. अच्छी बात यह है कि अगर आप कुछ खास चीजों को अपनी रोज़ की ज़िंदगी में शामिल करें, तो आंखों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं.
आंखों की रोशनी बढ़ाने के फूड्स (Foods To Improve Eyesight)
1. गाजर-
गाजर में मौजूद बीटा-कैरोटीन शरीर में जाकर विटामिन ए में बदलता है, जो आंखों के लिए बहुत जरूरी होता है. यह खासकर रात में देखने की क्षमता को सुधारता है.
ये भी पढ़ें- किस विटामिन की कमी से बिना चोट के बार-बार पड़ जाते हैं नील?
2. आंवला-
आंवला विटामिन सी का बेहतरीन सोर्स है. इसके सेवन से आंखों की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाया जा सकता है. आप इसे जूस, मुरब्बा या चूर्ण के रूप में ले सकते हैं.
3. पालक-
पालक में लूटीन और ज़ेक्सैंथिन नाम के दो एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रेटिना को सुरक्षित रखते हैं, खासकर स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी से.
4. बादाम-
बादाम विटामिन ई का अच्छा स्त्रोत माना जाता है, इसके सेवन से आंखों की कोशिकाओं को नुकसान होने से बचाया जा सकता है. रोज सुबह भीगे हुए 5-7 बादाम खाना फायदेमंद होता है.
5. देसी घी-
घी शरीर और दिमाग दोनों के लिए टॉनिक की तरह काम करता है. एक चम्मच घी को रोजाना खाने से आंखों की नमी और चमक बनी रह सकती है.
6. मेथी दाना-
मेथी में विटामिन ए और आयरन होता है, जो आंखों की थकान और सूखेपन को कम करने में मदद कर सकता है.
7. सौंफ-
सौंफ आंखों की गर्मी और जलन को कम करने के लिए जानी जाती है. इसका पानी या काढ़ा पीने से आंखों को ठंडक मिल सकती है.
8. शंखपुष्पी-
यह आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी दिमाग की नसों के साथ-साथ आंखों की नसों को भी मजबूत कर सकती है.
9. केसर-
केसर में ऐसे तत्व होते हैं जो रेटिना को पोषण देते हैं और आंखों की रोशनी को बरकरार रखते हैं. गर्म दूध में मिलाकर इसका सेवन कर सकते हैं.
10. ब्रह्मी-
ब्रह्मी दिमाग की कार्यक्षमता बढ़ाने के साथ-साथ आंखों के न्यूरल कनेक्शन को बेहतर करती है. इसका पाउडर या सिरप इस्तेमाल किया जा सकता है.
इनहेलेंट ड्रग्स के प्रकार क्या-क्या होते हैं? डॉक्टर से जानें क्यों हैं ये खतरनाक
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)