Ashwagandha Benefits: आयुर्वेद की प्राचीन औषधि अश्वगंधा, जिसे ‘इंडियन जिनसेंग' या ‘इंडियन विंटर चेरी' (विथानिया सोम्नीफेरा) के नाम से जाना जाता है, शरीर और मन दोनों के लिए वरदान है. यह कमाल की औषधि न केवल शरीर बल्कि मन के लिए भी बेहद फायदेमंद है. भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, यह औषधीय पौधा तनाव कम करने, इम्यूनिटी बढ़ाने और शारीरिक ऊर्जा बढ़ाने में कारगर है. इसकी जड़ों की घोड़े जैसी गंध के कारण इसे अश्वगंधा नाम मिला. भारत, मध्य पूर्व और अफ्रीका में पाया जाने वाला यह बारहमासी पौधा सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सा का हिस्सा रहा है.
अश्वगंधा का सेवन करने के फायदे ( Benefits of Ashwagandha)
- अश्वगंधा के सेवन से कई लाभ मिलते हैं. अश्वगंधा एक एडाप्टोजेन है, जो तनाव हार्मोन (कोर्टिसोल) को नियंत्रित करता है, मानसिक शांति प्रदान करता है और नींद की गुणवत्ता सुधारता है.
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है, जिससे सर्दी-जुकाम और मौसमी बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है.
- यह मांसपेशियों की ताकत, सहनशक्ति और ऊर्जा बढ़ाता है; विशेषकर व्यायाम करने वालों के लिए यह लाभकारी है.
- आम जन के साथ ही डायबिटिज के मरीजों के लिए भी अश्वगंधा बेहद फायदेमंद है. यह ब्लड में ग्लूकोज को नियंत्रित करने में सहायक है और इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ाता है. अश्वगंधा पाचन तंत्र को सुधारता है और हड्डियों को भी मजबूत बनाने में सहायक है.
- अश्वगंधा चूर्ण को अदरक और तुलसी के साथ चाय में मिलाकर पीने से सर्दी-जुकाम में राहत मिलती है. गले की खराश और बुखार की समस्या में भी राहत मिलती है.
- अश्वगंधा तनाव, कमजोरी और कमजोर इम्यूनिटी से जूझ रहे लोगों के लिए वरदान है.
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कैसे करें सेवन
आयुर्वेद में अश्वगंधा सेवन की विधि भी बताई गई है. इसके लिए चूर्ण को गर्म दूध में मिलाकर शहद या गुड़ के साथ ले सकते हैं. इसके साथ ही अश्वगंधा, अदरक और तुलसी डालकर 5 मिनट उबालकर चाय के रूप में भी ले सकते हैं.
किसे नहीं खाना चाहिए
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स कुछ लोगों को सावधानी से इसका सेवन करने की सलाह देते हैं. इनमें गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए. यह थायराइड हार्मोन को प्रभावित कर सकता है. हाइपरथाइरॉइड के मरीजों को भी ध्यान रखना चाहिए. अश्वगंधा नींद को बढ़ा सकता है, जिससे दवाओं का प्रभाव बढ़ सकता है, अत: नींद की दवाइ लेने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखना चाहिए. अधिक मात्रा में इसके सेवन से पेट में जलन या दस्त की समस्या हो सकती है.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)