एक्सपर्ट ने बताया सरसों का तेल, तिल का तेल या फिर मूंगफली का तेल, कौन सा Cooking Oil है सबसे फायदेमंद

Best Cooking Oil: जब मैं छोटी थी मैंने देखा था कि लोगों के घरों में अलग-अलग ऑयल नहीं होते थे. एक बोतल तेल की होती थी. एक बोतल घी की होती थी. कभी तिल का तेल, कभी मूंगफली का तेल और कभी सरसों का तेल. और यह तेल सीजन और रीजन के हिसाब से यूज होते थे. ये ब्रांडेड नहीं थे लेकिन काफी कीमती थे. खासकर अपनी हेल्थ बेनिफिट के लिए. तो चलिए जानते हैं किस तेल का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Best Cooking Oil: खाना बनाने के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है.

Best Cooking Oil: अगर हम आपसे ये सवाल करें कि आपने लास्ट टाइम अपने किचन में तिल का तेल या सरसों का तेल कब खोला था? वो भी खाना पकाने के लिए. हमारे घरों के किचन अब मॉडर्न हो गए हैं. हमारे घरों के किचन मॉडर्न हो गए हैं और कब ऑलिव ऑयल, कैनोला ऑयल जैसे इंपॉर्टेंट ऑयल इन्होंने हमारे ट्रेडिशनल इंडियन ऑयल को रिप्लेस कर दिया और हमें पता ही नहीं चला. हमारी दादी नानी के किचन में एक ही बोतल होती थी. कभी तिल, कभी मूंगफली, कभी सरसों का तेल. और उन्हें पता था कि किस मौसम में कौन सा तेल शरीर और मन के लिए अच्छा होगा. आज के इस आर्टिकल में आर्युर्वेदिक एक्सपर्ट हंसाजी ने वही पुरानी समझ और प्राकृतिक विज्ञान के बारे में बताया है.. यह तीनों तेल सिर्फ कुकिंग के लिए नहीं पूरे जीवन के संतुलन के लिए जरूरी है. आजकल के ज्यादातर रिफाइंड ऑइल्स को हाई हीट, प्रोसेसिंग, ब्लीचिंग और डडराइजिंग इनसे गुजरना पड़ता है. इनमें से कई ऑइल्स में ट्रांस फैट होते हैं. चाहे लेबल पर लिखा ना हो. और सब जानते हैं कि ट्रांस फैट से हार्ट डिजीज, इनफ्लेमेशन और कुछ कैंसर्स का रिस्क बढ़ता है. अगर हम इन ऑइल्स का कंपैरिजन करें कोल्ड प्रेस ऑयल से तो कोल्ड प्रेस ऑयल अपने नेचुरल न्यूट्रिएंट्स और एरोमा को बनाए रखते हैं. तो सवाल है हमने इन्हें यूज करना क्यों छोड़ दिया? 

जब मैं छोटी थी मैंने देखा था कि लोगों के घरों में अलग-अलग ऑयल नहीं होते थे. एक बोतल तेल की होती थी. एक बोतल घी की होती थी. कभी तिल का तेल, कभी मूंगफली का तेल और कभी सरसों का तेल. और यह तेल सीजन और रीजन के हिसाब से यूज होते थे. ये ब्रांडेड नहीं थे लेकिन काफी कीमती थे. खासकर अपनी हेल्थ बेनिफिट के लिए. तो चलिए जानते हैं किस तेल का सेवन सेहत के लिए फायदेमंद है.

तिल का तेल

तिल का तेल सबसे पुराना ऑयल है जिसका जिक्र वेदों में भी किया गया है. इसमें सेसोबॉल और सेसमीन होता है जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम करता है. आयुर्वेद के हिसाब से यह वात दोष को शांत करता है जो एंग्जायटी, ड्राइनेस और रेस्टलेसनेस के लिए जिम्मेदार होता है. इसलिए यह तेल अभ्यंग के लिए बहुत ही अच्छा माना गया है. ठंडी और ड्राई ऋतु में यह तेल शरीर को पोषण देता है. नर्वस सिस्टम को शांत करता है और नींद सुधारता है. तिल का तेल ऑयल पुलिंग में भी यूज होता है जो कि प्लाक जिंजीवाइटिस और हार्मफुल बैक्टीरियास को कम कर देता है. सिर्फ 5 मिनट की ऑयल पुलिंग से आपके ओरल और गट हेल्थ पर काफी असर पड़ता है.

सरसों का तेल

सरसों का तेल अपने तेज स्वाद और वार्मिंग नेचर के लिए जाना जाता है. आज के रिसर्च यह बताते हैं कि कोल्ड प्रेस मस्टर्ड ऑयल से शरीर का लिपिड प्रोफाइल सुधरता है और इनफ्लेमेशन कम होती है. ध्यान रखिए हमेशा कोल्ड प्रेस सरसों का तेल ही लीजिए. यह ओमेगा थ्री फैटी एसिड से भरपूर होता है. इसमें एक शक्तिशाली कंपाउंड एलाइल आइसोथियोसाइनाइड होता है जो कि एंटी माइक्रोबियल है और डाइजेशन इम्यूनिटी और सर्कुलेशन सुधारता है. पुराने जमाने में इस तेल से मसाज किया जाता था. जॉइंट और मसल पेन कम करने के लिए ठंड के मौसम में यह तेल गर्माहट देता है और बच्चों के चेस्ट पर लगाया जाता था ताकि कोल्ड और कफ दूर हो. 

ये भी पढ़ें: सुबह-सुबह खाली पेट जीरे का पानी पीने से क्या होता है? पेट रहता है ठीक और दिल रहता है जवां

मूंगफली का तेल

मूंगफली का तेल एक समय पर हर घर में होता था. खासकर गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में. इसका स्वाद हल्का और नटी होता है जो खाने के टेस्ट को ओवरपॉवर नहीं करता. ये हाई टेंपरेचर पर स्टेबल होता है. इसलिए इंडियन कुकिंग, फ्राइंग, सौथिंग और तड़का इनके लिए परफेक्ट है. इस तेल में मोनोसुरेटेड और पॉली अनसैचुरेटेड फैट इनका अच्छा बैलेंस होता है. यह ना ज्यादा गर्म है जैसे सरसों, ना ज्यादा हैवी जैसे घी. बिल्कुल बैलेंस. कोल्ड प्रेस्ट ग्राउन नट ऑयल विटामिन ई से भरपूर होता है जो हार्ट, स्किन, सेल इनके लिए फायदेमंद है. 

Advertisement

तो चलिए जानते हैं कि किचन में इन ऑयल्स का इस्तेमाल कैसे करें. सही जानकरी के साथ इन तीन तेलों को चुने मूंगफली, तिल और सरसों. लेबल चेक करें. लिखा हो कोल्ड प्रेस या कच्ची घानी. यह तेल बिना हीट और केमिकल्स के वुडन प्रेस से निकाले जाते हैं. इन तेलों को हमेशा डार्क ग्लास बॉटल में रखें. छोटे बदलाव लाने से शुरुआत करें. सुबह तिल के तेल से 5 मिनट ऑयल पुलिंग करें. नहाने से पहले मालिश करें. खाने में ग्राउंड नट ऑयल से तड़का लगाएं. आप देखेंगे फर्क सिर्फ त्वचा और डाइजेशन में ही नहीं बल्कि एनर्जी, स्लीप और इम्यूनिटी में भी दिखेगा.

इन बातों से बचें

आपको ट्रेंड से डरने की जरूरत नहीं है. हर पॉपुलर चीज हमारे लिए सही नहीं होती. हमारे ट्रेडिशनल ऑयल्स ने पीढ़ी दर पीढ़ी तक काम किया है. सिर्फ लैब टेस्ट नहीं अनुभव और परंपरा ने इन्हें साबित किया है. याद रखिए डाइट ही हेल्दी रहने का पहला कदम है. जो हम खाते हैं वही हम बन जाते हैं. शरीर, सोच और भावनाओं में जब हम तिल, सरसों और मूंगफली के तेल को अपने किचन में वापस लाते हैं तो हम सिर्फ एक हेल्दी चॉइस ही नहीं करते. हम अपनी संस्कृति, परंपरा और प्राकृतिक रिदम से जुड़ते हैं. यह तेल हमें याद दिलाते हैं कि अच्छी सेहत केवल मेडिसिन से नहीं समझ से बनती है. जो हम लगाते हैं, जो हम खाते हैं, वह हमारे शरीर, मन और विचार को रूप देता है. इसलिए अपनी नेक्स्ट ग्रोसरी लिस्ट में लिखिए तिल का तेल, सरसों का तेल और मूंगफली का तेल. इन्हें सिर्फ कुकिंग ऑयल मत समझिए. यह प्रकृति के वरदान है जो हमें अंदर से पोषण देती है. 

Advertisement

History of Samosa- Swaad Ka Safar | समोसे का इतिहास | जानें ईरान से भारत कैसे पहुंचा समोसा

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
NDTV Indian Of The Year 2025: Madhavi Latha को 'Science Icon of the Year' का Award