रविवार को रखा जाता है सूर्य देवता का व्रत, इस तांबे के पात्र में जल का अर्घ्य दें और खाएं मीठी रोटी

भास्कर देव को नवग्रहों का राजा माना गया है. इस लिए नव ग्रहों की शांति के लिए सूर्य देव की अराधना का विधान है. यह व्रत एक वर्ष या बारह वर्ष हर रविवार को करनी चाहिए और उद्यापन के बाद व्रत छोड़ना चाहिए.

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रविवार को रखा जाता है सूर्य देश के लिए व्रत, खाई जाती है मीठी रोटी.

रविवार का दिन परम पराक्रमी सूर्य देव के नाम है. सप्ताह के इस दिन विधि विधान से भास्कर देव की अराधना का व्रत रखने से सभी तरह के शारीरिक परेशानियों से छुटकारा और सुख सौभाग्य की प्राप्ति होती है. भास्कर देव को नवग्रहों का राजा माना गया है. इस लिए नव ग्रहों की शांति के लिए सूर्य देव की अराधना का विधान है. 

 व्रत विधि

व्रत करने के लिए रविवार को सूर्य उदय होने से पहले उठें. स्नान के बाद लाल रंग के वस्त्र धारणकर पूजा घर में सूर्य देव को स्थापित करें. चौकी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाकर सूर्य देव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. विधि विधान से सूर्य देव को स्नान कराकर सुंगध व फूल चढ़ाएं.

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 पूजा के समय

ओम ह्रां ह्रीं ह्रौ स: सूर्याय नम:मंत्र का उच्चारण करते रहें . इसके बाद तांबे के पात्र में जल, लाल चंदन, अक्षत, लाल फूल और दुर्वा से भास्कर देव को अर्घ्य दें.

पहने लाल रंग दान करें लाल वस्तु

सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए रविवार को लाल रंग का वस्त्र धारण करना चाहिए. व्रत करने वाला लाल रंग का वस्त्र धारण करे, सूर्य देव को लाल रंग का पुष्प चढ़ाए या लाल रंग की वस्तु दान करें तो भगवान सूर्य जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं.

मीठी रोटी का करें सेवन

रविवार के दिन चीनी या गुड़ से बनी रोटी खाने से घर में सुख समृद्धि बढ़ती है. गुड़ से बनी खीर या गुड़ खाना भी शुभ है.

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क्या न करें

रविवार को तांबे की वस्तु नहीं बेचनी चाहिए. काले रंग का वस्त्र नहीं धारण करना चाहिए. नमक का सेवन नहीं करना चाहिए. सूर्यास्त के बाद भोजन नहीं करना चाहिए. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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