पिछले कुछ दिनों से मसाला विवाद काफी सुर्खियों में रहा है, हालिया अपडेट में, राजस्थान के फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने घोषणा की कि उन्हें पॉपुलर ब्रांड एमडीएच और एवरेस्ट के कुछ मसाले "असुरक्षित" मिले. रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने प्रयोगशालाओं में क्वालिटी टेस्ट करने के बाद संघीय सरकार को घोषणा की. रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) को एक निजी पत्र में, राजस्थान स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि उन्होंने कई मसालों के नमूनों की जांच की और एवरेस्ट मसाला मिश्रण का एक बैच और एमडीएच के दो बैच असुरक्षित पाए गए.
शुभ्रा सिंह ने पत्र में गुजरात और हरियाणा के राज्य अधिकारियों से भी आग्रह किया, जहां एमडीएच और एवरेस्ट बैच बनाए गए थे, "मामले में बिना देरी किए कार्रवाई करें." जैसा कि रॉयटर्स की रिपोर्ट है, पत्र में निष्कर्षों का कोई विवरण नहीं था. हालांकि, राजस्थान राज्य के अधिकारियों ने पहले एक बयान में कहा था कि उन्होंने कथित संदूषण के लिए 12,000 किलोग्राम कई मसाले जब्त किए हैं. बयान के अनुसार, इनमें से कुछ मसालों में कीटनाशकों का "बहुत अधिक इस्तेमाल" था. इस मामले के संबंध में न तो एफएसएसएआई और न ही शुभ्रा सिंह ने अब तक कोई कमेंट किया है.
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आपको बता दें कि, एमडीएच और एवरेस्ट विदेशी बाजार में बिकने वाले दो सबसे पॉपुलर भारतीय मसाला ब्रांड हैं. हालांकि, वे तब रडार पर आ गए जब हांगकांग ने लिस्ट किया कि उन्होंने इन दोनों ब्रांडों के कुछ मसालों की बिक्री को बैन कर दिया है, क्योंकि उनमें कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा का आरोप लगाया गया है. इससे भारत और अन्य बाजारों में नियामकों द्वारा जांच शुरू हो गई.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, जब राजस्थान सरकार के निष्कर्षों के बारे में पूछा गया, तो एवरेस्ट ने एक ईमेल में कहा कि वे "मैन्युफैक्चरिंग और पैकिंग के किसी भी स्टेप के दौरान मसालों में कोई कीटनाशक नहीं मिलाते हैं." एमडीएच ने अभी तक इस मामले पर कोई रिस्पोंड नहीं किया.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)