कैंसर सेल्स को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है ये पत्ता, बासी मुंह चबाकर खा लीजिए फिर देखें कमाल

Betel leaves Benefits: पान के पत्ते में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. कई शोधों में यह पाया गया है कि पान का पत्ता कुछ हद तक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकता है.

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पान के पत्ते चबाने के फायदे.

Paan ke Patto ke Fayde: भारतीय संस्कृति में पान का पत्ता शुभता, औषधीय गुणों और हमारी परंपरा का प्रतीक है. चाहे कोई पूजा-पाठ हो, शादी-ब्याह या फिर कोई धार्मिक आयोजन, हर शुभ मौके पर पान का पत्ता अहम होता है. विज्ञान और आयुर्वेद भी इसके गुणों को मान्यता देते हैं. इसके पत्तों में मौजूद औषधीय गुणों से शरीर को कई तरह के लाभ मिलते हैं. अमेरिकन नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, पान के पत्ते में प्राकृतिक रूप से एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. कई शोधों में यह पाया गया है कि पान का पत्ता कुछ हद तक कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में सहायक हो सकता है. यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संक्रमण से लड़ने में मदद करता है. वहीं आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम, खांसी, गले की खराश और मुंह की दुर्गंध जैसी सामान्य समस्याओं में सदियों से किया जा रहा है.

पान के पत्तों के फायदे ( Paan ke Patto Ke Fayde)

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पाचन

इसके अलावा, पान के पत्तों का उपयोग पाचन क्रिया को सुधारने के लिए भी किया जाता है, क्योंकि यह पेट की अम्लता को नियंत्रित करता है और गैस या अपच जैसी समस्याओं को कम करता है.

मुंह की बदबू

पान के पत्ते चबाने से मुंह की बदबू दूर होती है और सांसों को ताजगी मिलती है, क्योंकि इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण मुंह के जीवाणुओं को कम करते हैं. यह गुण पान को भोजन के बाद एक प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर बनाता है.

फ्री रेडिकल्स 

पान के पत्तों में पाए जाने वाले विटामिन सी और अन्य एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को धीमा करते हैं.

घर पर पान के पत्ते कैसे लगाएं

पान की बेल को घर में लगाना बेहद आसान है, क्योंकि इसकी बेल को ज्यादा तेज धूप पसंद नहीं होती. यह बालकनी, बरामदे, या घर की किसी छायादार दीवार के पास आसानी से लगाई जा सकती है. इसकी बेल धीरे-धीरे बढ़ती है और रेलिंग या दीवार पर फैलकर घर को एक सुंदर प्राकृतिक सजावट भी देती है. इसे बीज से नहीं बल्कि बेल की टहनी से उगाया जाता है. 5-6 इंच लंबी टहनी को हल्की नमी वाली मिट्टी में लगाएं, जिसमें गोबर की खाद या कंपोस्ट मिला हो, और पानी दें. ध्यान रहे कि गर्मियों में इसे सीधी धूप से बचाएं और पत्तों पर हल्की स्प्रे करते रहें ताकि नमी बनी रहे. सर्दियों में पानी कम दें, लेकिन मिट्टी को पूरी तरह सूखने भी न दें. अगर पत्तों पर कीड़े लग जाएं तो नीम के पानी या घरेलू कीटनाशक छिड़क दें.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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