Navratri 2nd Day Bhog: नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्माचरिणी को लगाएं इस चीज का भोग, फटाफट नोट करें रेसिपी

Navratri 2nd Day Bhog: ब्रह्मचारिणी का अर्थ, ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण से है, यानी ये देवी तप का आचरण करने वाली हैं. नवरात्रि के दूसरे दिन मां के इसी रूप की पूजा की जाती है. तो चलिए जानते हैं माता को भोग में क्या चढ़ाएं.

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Navratri 2nd Day Bhog: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचरिणी की पूजा का विधान है.

Navratri 2nd Day Bhog: नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्माचरिणी की पूजा का विधान है. मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरूप माता ब्रह्मचारिणी का है. ब्रह्मचारिणी (Navratri 2nd Day 2025) का अर्थ, ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण से है, यानी ये देवी तप का आचरण करने वाली हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ये हिमालय की पुत्री थीं तथा नारद के उपदेश के बाद भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए इन्होंने कठोर तप किया. जिस कारण इनका नाम तपश्चारिणी अर्थात्‌ ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां का यह रूप काफी शांत और मोहक है. माना जाता है कि जो भक्त मां के इस रूप की पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. तो चलिए जानते हैं शक्कर से बनी रेसिपी.

माता ब्रह्मचारिणी भोग रेसिपी- (Maa Brahmcharini Bhog Recipes)

शक्कर से बनी बर्फी-

सामग्री-

  • शक्कर
  • दूध
  • घी
  • खोया
  • इलायची पाउडर

विधि:

बर्फी बनाने के लिए सबसे पहले एक पैन में घी गरम करें. गरम घी में खोया डालकर हल्का भूनें. शक्कर और दूध डालकर मिश्रण को गाढ़ा होने तक पकाएं. इलायची पाउडर डालकर मिलाएं. मिश्रण को एक थाली में जमने के लिए फैलाएं. ठंडा होने पर बर्फी के शेप में काट लें.

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Photo Credit: Courtyard by Marriott, Gurgaon

शक्कर से बने बूंदी के लड्डू- 

सामग्री-

  • बेसन से बनी बूंदी
  • शक्कर की चाशनी
  • इलायची पाउडर

लड्डू बनाने के लिए बूंदी को शक्कर की चाशनी में मिलाएं. मिश्रण को हाथों से दबाकर लड्डू बनाएं. इलायची पाउडर से सजाएं.

माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि- Maa Brahmcharini Pujan Vidhi:

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें. इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें. देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं. इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं. 

माता ब्रह्मचारिणी के मंत्रः (Maa Brahmcharini Mantra)

या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः

दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमाः

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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