बाजरा 7000 से ज्यादा सालों से हमारे खाने का हिस्सा रहा है, इसके स्वास्थय लाभ से हर कोई परिचित है. यही कारण है कि भारत सरकार ने साल 2023 को बाजरे का वर्ष घोषित किया है. बाजरा घास के बीज होते हैं और इन्हें पूरी दुनिया में उगाया जाता है. इसका उत्पादन करना बहुत आसान है, साथ ही इनकी कटाई में भी बहुत कम समय लगता है. यह मिट्टी की गुणवत्ता को बढ़ाने में भी लाभदायी होते हैं. आज, दुनिया इन जादुई सुनहरे अनाजों के स्वास्थ्य लाभों के बारे में जान रही है, जिनमें कम कार्बन फुट प्रिंट भी है. दरअसल अपने भरपूर पोषण प्रोफाइल के कारण यह घर और रेस्टोरेंट के मेनू में भी शामिल होने लगे हैं. सीधे शब्दों में कहें तो बाजरे में मौजूद पोषक तत्व एक ही बार में सुरक्षा और पोषण देने में मदद करते हैं. आइए बाजरा के कुछ प्रमुख स्वास्थ्य लाभों पर एक नजर डालते हैं.
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5 प्रकार के बाजरा हैं जो आपके भोजन को स्वस्थ बना सकते हैं (5 Types Of Millets That Can Make Your Daily Meals Healthier)
1. ज्वार (Jowar)
ज्वार को पचने में अधिक समय लगता है, जिस वजह से ये आपके वजन को कम करने में आपकी मदद कर सकता है. 10 ग्राम/ 100 ग्राम फाइबर के साथ, ज्वार सीवीडी के जोखिम को कम करने में भी मदद कर सकता है. ज्वार में कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है, जो खाने के बाद ब्लड ग्लूकोज और एचबीए1सी को कम करने में मदद कर सकता है. ज्वार में मौजूद पॉलीफेनोल्स और टैनिन में एंटी-म्यूटाजेनिक और एंटी-कार्सिनोजेनिक गुण होते हैं. यह ऑक्सीडेटिव तनाव को नियंत्रित करने के लिए भी अच्छा है.
2. बाजरा (Bajra)
इसमें भरपूर मात्रा में खनिज और प्रोटीन होता है और इसका उपयोग पेट के अल्सर को रोकने और इलाज के लिए किया जाता है. बाजरे में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल्स और मैग्नीशियम की मात्रा इसे दिल की बीमारियों को रोकने के लिए भी एक अच्छा विकल्प बनाती है. इसमें मैग्नीशियम पाया जाता है जो सांस की बीमारी वाले लोगों के फायदेमंद हो सकता है. इसके अलावा इसमें पाया जाने वाला फास्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाने और फाइबर वजन कम करने में लाभदायी हो सकता है.
3. रागी (Ragi)
रागी में सबसे अधिक मात्रा में पॉलीफेनोलिक कंपाउंड होते हैं. ये यौगिक मजबूत एंटीऑक्सिडेंट हैं और फ्री रेडिकल्स को नष्ट करते हैं जो कैंसर, डायबिटीज और सीवीडी जैसी बीमारियों के मुख्य कारणों में से एक हैं. फाइबर का सेवन कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर को बैलेंस करने में मदद करता है. इसके अलावा यह कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है जो हड्डियों को स्वस्थ बनाने और विशेष रूप से बच्चों और वृद्ध लोगों में एनीमिया को रोकने में मदद कर सकता है.
4. छोटा बाजरा/समाई (Little Millet/Samai)
इसका सेवन ज्यादातर व्रत में किया जाता है. यह कार्ब्स में कम होता है और इसे पचने में समय लगता है. साथ ही यह बल्ड शुगर को नियंत्रण में रखने में मदद कर सकता है. इसका पॉली फिनोल और फाइटोन्यूट्रिएंट प्रोफाइल इसे ऑक्सीडेटिव तनाव को नियंत्रित करने में मदद करने लायक बनाता है. इसमें फ्लेवोनॉयड्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं. इसका सेवन प्री-डायबिटीज, मोटापे से ग्रसित और डायबिटीज रोगियों और पीसीओएस से ग्रसित लोगों के लिए अच्छा होता है.
5. कोदो बाजरा/कोडोन (Kodo Millet/Kodon)
ग्लूटेन फ्री बाजरा पचाने में आसान, फाइबर, पॉलीफेनोल्स, कैल्शियम, लोहा, पोटेशियम, जस्ता और मैग्नीशियम जैसे खनिजों से भरपूर है. यह वजन को नियंत्रित करने में मदद करने के साथ कई तरह के स्वास्थय लाभ भी दिलाता है. इसका सेवन करने से पेट लंबे समय तक भरा रहता है. यह फाइबर और खनिजों से भरपूर है जिस वजह से यह डायबिटीज और दिल की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.