लड्डू गोपाल के सभी भक्त उन्हें जन्माष्टमी के मौके पर अलग अलग तरह के प्रसाद चढ़ाते हैं. वैसे तो नटखट कन्हैया माखन के शौकीन थे, लेकिन इसके अलावा भी बहुत से व्यंजन थे जो उन्हें बाल काल से ही बहुत पसंद थे. माखन के साथ मिस्त्री हो और मीठे में कुछ अलग अलग तरह के व्यंजन खाने को मिलें तो कान्हा की प्रसन्नता भी देखने लायक होती थी. इसलिए अब भी जन्माष्टमी पर उनके जन्म की प्रतीक्षा कर रहे भक्त प्रसाद में अलग अलग तरह के व्यंजन बनाते हैं, जो कान्हा को भी प्रिय हों और उनके भक्तों को भी. उनके प्रिय दूध, दही और माखन के साथ आप भी प्रसाद के लिए ऐसे ही व्यंजन तैयार कर सकते हैं.
कान्हा को लगाएं इन चीजों का भोग-Offer These Bhog To Kanha On Janmashtmi:
1. मखाने की चिक्की
माखन और मखाने दोनों कान्हा को प्रिय रहे हैं. इस जन्माष्टमी आप कान्हा के लिए मखाने की चिक्की तैयार कर सकते हैं. चिक्की बनाने के लिए सबसे पहले मद्दी आंच पर मखानों को सेंक लें. जब मखाने अच्छे से सिंक जाएं तब चाशनी तैयार करें. इस चाशनी में आप मखाने डालकर चिक्की बना सकते हैं. मखाने को कूट कर थोड़ा चाशनी में मिलाएं या फिर बारीक पीस कर मिक्स करें. दोनों ही तरह से चिक्की बन सकती है. चाशनी में मखाने मिलाने के बाद उसे एक प्लेट में फैला दें. बाद में मनचाहे आकार में काट लें.
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2. मीठी मठरी
मीठी मठरी भी दो तरह से बन सकती है या, तो आप मैदे को सादे पानी से गूंदे. लोई बनाकर मठरियां काट कर तलें. उसके बाद उसे चाशनी में डाल दें. ये तरीका लंबा लगता हो तो सीधे मीठे पानी से ही मैदे का आटा गूंदे और मठरी बनाएं.
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3. पेड़े
पेड़े तो कान्हा को इतने प्रिय रहे हैं कि मथुरा के पेड़े जगत भर में प्रसिद्ध हो गए. आप दूध ओट कर स्वादिष्ट पेड़े बना सकते हैं. समय कम हो तो दूध में मिल्क पाउडर मिलाकर भी पेड़े तैयार किए जा सकते हैं.
4. धनिया की पंजीरी
धनिया की पंजीरी तो लगभग हर घर में जन्माष्टमी के मौके पर बनती ही है. धनिया पाउडर को धीमी आंच में सेंकने के बाद उसमें शक्कर का बूरा मिलाया जाता है. ये पंजीरी कान्हा के प्रसाद में भी महत्वपूर्ण मानी जाती है.
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5. पंचामृत
पंचामृत भी प्रसाद में बंटने वाली वस्तुओं में महत्वपूर्ण हैं. सबसे पहले प्रसाद में पंचामृत ही दिया जाता है. दूध और दही मिक्स कर उसमें शक्कर मिलाई जाती है. इसमें पांच तरह के मेवे डाले जाते हैं. पूजा करते समय ये प्रसाद सबसे पहले कान्हा को अर्पित होता है इसके बाद भक्तों में बांटा जाता है.
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