सेहतमंद रहना है तो आज से ही कंट्रोल कर लें शुगर की सेवन, वरना हो सकती है गंभीर बीमारियां

Jyada Chini Khane ke Nuksan: आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी में हम अपनी सेहत का खास ख्याल नहीं रख पाते, जिसके चलते हम अपने खान-पान पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. इस वजह से कई बार हम खाने के जरिए ली जा रही चीनी की मात्रा का भी ध्यान नहीं रख पाते.

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Jyada Chini Khane ke nuksan: चीनी का ज्यादा सेवन कई बीमारियों की वजह.

Jyada Chini Khane ke Nuksan: आजकल की भागती-दौड़ती जिंदगी में हम अपनी सेहत का खास ख्याल नहीं रख पाते, जिसके चलते हम अपने खान-पान पर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं. इस वजह से कई बार हम खाने के जरिए ली जा रही चीनी की मात्रा का भी ध्यान नहीं रख पाते. इन सबका परिणाम है- अत्यधिक चीनी का सेवन. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (उत्तर प्रदेश) ने एक जागरूकता पोस्ट के जरिए लोगों को चीनी के सीमित सेवन की सलाह दी है. हमारी दैनिक जीवन में चीनी की मात्रा सीमित होनी बहुत जरूरी है. जिससे "डायबिटीज", मोटापा और हृदय रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से आप खुद को बचा जा सकते हैं. आइए, इस मुद्दे को गहराई से समझते हैं और जानते हैं कि चीनी का संतुलित सेवन क्यों जरूरी है. साथ ही, विभिन्न खाद्य पदार्थों में मौजूद चीनी की मात्रा के बारे में स्पष्ट जानकारी होना जरूरी है.

कोल्ड ड्रिंक

अगर आप कोल्ड ड्रिंक पीने के शौकीन हैं तो आपको ध्यान देना चाहिए कि एक 300 मिलीलीटर की सॉफ्ट ड्रिंक में 31.8 ग्राम चीनी और 132 कैलोरी होती है, जो हमारी हेल्थ के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है.

चॉकलेट

ऐसे ही चॉकलेट पेस्ट्री को दुनियाभर में खूब पसंद किया जाता है, यह खाने में जितनी टेस्टी होती है, उतनी ही सेहत के लिए हानिकारक क्योंकि इसमें 12 ग्राम चीनी और 297 कैलोरी होती है.

फ्लेवर्ड जूस

वहीं , फ्लेवर्ड जूस में 46.8 ग्राम चीनी और 189 कैलोरी होती है और चॉकलेट में 25 ग्राम चीनी और 100 किलो कैलोरी, वहीं एक गुलाब जामुन में 32 ग्राम चीनी 254 किलो कैलोरी मौजूद होती है.

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ये उदाहरण दिखाते हैं कि हमारी रोजमर्रा की डाइट में छिपी चीनी हमें अनजाने में ही ज्यादा मात्रा में मिल रही है. ऐसे में किसी चीज के सेवन से कितनी मात्रा में चीनी आपके शरीर में जा रही है, यह जानकारी अहम हो जाती है. भारत में, जहां चीनी का उपयोग पारंपरिक मिठाइयों, त्योहारों और अन्य आयोजनों में गहराई से जुड़ा है, वहां इसकी खपत में वृद्धि चिंता का विषय है. भारत में चीनी और शर्करा युक्त पेय पदार्थों के बढ़ते सेवन से मोटापा और टाइप 2 डायबिटीज में तेजी से वृद्धि हुई है.

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पिछले कुछ दशकों में भारत में खानपान की आदतों में बड़ा बदलाव आया है. वैश्वीकरण के कारण पहले की तुलना में आज चीनी युक्त खाद्य पदार्थ और पेय पदार्थ आसानी से उपलब्ध हो गए हैं. पारंपरिक मिठाइयों के साथ-साथ कोल्ड ड्रिंक और प्रोसेस्ड फूड्स का सेवन भी बढ़ गया है, जो सेहत के लिए खतरा बन गया है.

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वहीं अगर आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में चीनी का सेवन सोच समझकर करते हैं तो आप "डायबिटीज", मोटापा और हृदय रोग जैसे गंभीर स्वास्थ्य जोखिमों से बच सकते हैं. चीनी के सेवन को नियंत्रित करने और संतुलित आहार अपनाने की जरूरत है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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