Jitiya Vrat 2023: कब है जितिया व्रत 6 या 7 अक्टूबर? जानें सही डेट, मुहूर्त, पूजन विधि और भोग

Jitiya Vrat 2023: पौराणिक कथाओं के अनुसार जितिया व्रत की कथा महाभारत काल से जुड़ी है.हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व जाता है. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
Jitiya Vrat Paran: जितिया व्रत के 24 घंटे के बाद महिलाएं पारण करती हैं.

Jivitputrika Vrat 2023: पंचांगकारों के अनुसार  संतान की खुशहाली, अच्छे स्वास्थ, उन्नति और वंश वृद्धि के लिए जितिया व्रत 6 अक्टूबर को रखा जाएगा. हिंदू धर्म में इस व्रत का बहुत महत्व जाता है. इसे जीवित्पुत्रिका व्रत के नाम से भी जाना जाता है. जीवित्पुत्रिका व्रत हर साल अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है. इस साल यह व्रत 6 अक्टूबर 2023 को रखा जाएगा. जीवित्पुत्रिका व्रत में माताएं अपनी संतानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिये 24 घंटे का निर्जला व्रत करती हैं. इस व्रत का पारण 7 अक्टूबर को किया जाएगा.

नोनी साग रेसिपी- Noni Saag Recipe:

जितिया व्रत के 24 घंटे के बाद महिलाएं पारण करती हैं. सूर्य को अर्घ्‍य देने के बाद ही महिलाएं अन्‍न ग्रहण कर सकती हैं. व्रत खोलते समय में महिलाएं मरुआ की रोटी, भात और साग जैसी चीजों से व्रत का पारण करती हैं.

नोनी साग क सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है. इस साग का सेवन करने से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. इसे बनाने के लिए सबसे पहले नोनी साग को अच्छी तरह धो लें. कुकर में तेल गर्म कर सभी गर्म मसाले डाल दें. इसके बाद प्याज, टमाटर, लहसुन अदरक पेस्ट को भून लें. अब इसमें नमक हल्दी डालें. भुन जाने के बाद नोनी साग और दाल डाल दें. अपनी पसंद अनुसार पानी की मात्रा डालें. धीमी आंच पर कुछ देर पकने दें. गैस बंद कर उतार लें आपका साग बनकर तैयार है. 

ये भी पढ़ें- इस दिन से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि, जानें घटस्थापना मुहूर्त, तिथियां और भोग

Latest and Breaking News on NDTV

जीवित्पुत्रिका व्रत 2023 मुहूर्त (Jitiya Vrat 2023 Muhurat)

अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर 2023 को सुबह 06 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी. अष्टमी तिथि का समापन 7 अक्टूबर 2023 को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगा. 

ये भी पढ़ें- Mahalakshmi Vrat 2023: कब रखा जाएगा महालक्ष्मी व्रत? जानें पूजन विधि और भोग रेसिपी

जितिया व्रत पूजन विधि (Jitiya Vrat Pujan Vidhi)

पौराणिक कथाओं के अनुसार जितिया व्रत की कथा महाभारत काल से जुड़ी है. जितिया व्रत के दिन स्नान के बाद स्त्रियां कुशा से बनी जीमूतवाहन भगवान की प्रतिमा के समक्ष धूप-दीप, चावल और पुष्ण अर्पित कर विधि विधान से पूजा करती है. मान्यता अनुसार व्रत में गाय के गोबर और मिट्टी से चील और सियारिन की प्रतिमा बनाई जाती है. पूजा करते हुए इनके माथे पर सिंदूर से टीका लगाते हैं और पूजा समाप्त होने के बाद जितिया व्रत की कथा सुनी जाती है.

Featured Video Of The Day
Champai Soren EXCLUSIVE: शिबू सोरेन का साथ, Kolhan Seat पर NDTV से क्या बोले चंपई सोरेन?