इंडियन खाने की जब बात आती है तो मसाले का जिक्र न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. इंडियन फूड अपने फ्लेवर और मसाले के लिए दुनिया भर में फेमस है. ये न केवल खाने का स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि उसे हेल्दी भी बनाते हैं. चूंकि हाल के दिनों में खाद्य पदार्थों में मिलावट के कई मामले सुर्खियों में आए हैं, इसलिए भारत की टॉप मेडिसिन बॉडी- इंडियन काउंसिल मेडिसिन रिसर्च (आईसीएमआर) लोगों को पाउडर वाले मसालों के बजाय साबुत मसाले खरीदने की सलाह देती है, क्योंकि पाउडर में मिलावट की संभावना अधिक होती है और संभावित स्वास्थ्य खतरे. गाइडलाइन पीडीएफ "भारतीयों के लिए डाइट गाइडलाइन" के पेज 95 पर उल्लिखित है और सुरक्षित और स्वच्छ खाद्य पदार्थों को चुनने और यह सुनिश्चित करने की सलाह देता है कि वे दूषित पदार्थों से मुक्त हैं. सुरक्षित खाद्य पदार्थों का चयन कैसे करें, इस पर विस्तार से बताते हुए, मेडिकल बॉडी एडवाइस फूड के लिए मसाले खरीदते समय सावधानी बरतने की सलाह देता है.
उन्होंने लिखा, "चूंकि पाउडर वाले मसालों में मिलावट होने की संभावना अधिक होती है, इसलिए साबुत मसालों, रंग, आकार और आकृति में एक समान को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. हमेशा ऑथेंटिकल प्रोडक्ट खरीदें." यह गाइडलाइन पॉपुलर मसाला ब्रांडों एमडीएच और एवरेस्ट के अपने प्रोडक्ट के लिए जांच रडार पर आने के बाद आया है.
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भारतीयों को बेहतर डाइट और फूड ऑप्शन चुनने में मदद करने के लिए, आईसीएमआर ने राष्ट्रीय पोषण संस्थान के साथ मिलकर सभी उम्र के लोगों के लिए 17-चेप्टर का गाइडलाइन पब्लिश किया.
साबुत मसाले खाने के स्वाद को बढ़ाने ही नहीं, सेहत के लिए भी अच्छे माने जाते हैं. साबुत मसाले के सेवन से शरीर को कई लाभ मिल सकते हैं. साबुत मसाले में मौजूद गुण पाचन को बेहतर रखने में मदद कर सकते हैं. मिलावटी मसाले के सेवन से शरीर को कई नुकसान हो सकते हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)