Herbal Vs Flower Tea: अगर आप अपनी क्लासिक ब्लैक या ग्रीन टी के साथ "हर्बल टी" या "फ्लावर टी" का ऑप्शन चुनते हैं, तो आप अकेले नहीं हैं. भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में स्पष्ट किया है कि देश में केवल कैमेलिया साइनेंसिस पौधे से प्राप्त उत्पादों को ही कानूनी रूप से चाय के रूप में लेबल किया जा सकता है. उपभोक्ताओं को भ्रम से बचाने के लिए खाद्य लेबलिंग कानूनों के तहत हर्ब, रूइबोस, फूलों या अन्य पौधों से बने ड्रिंक को अलग-अलग तरीके से बताया जाना चाहिए.
यह अंतर केवल शाब्दिक नहीं है. हालांकि ये सभी ड्रिंक गर्म पानी में बनाए जाते हैं और स्वाद और आराम के लिए इनका सेवन किया जाता है, लेकिन इनके वानस्पतिक स्रोत, रासायनिक संरचना और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव काफी अलग होते हैं. कैमेलिया साइनेंसिस से बनी पारंपरिक चाय , जिसमें काली, हरी , ऊलोंग और सफेद चाय शामिल हैं, पॉलीफेनॉल और कैटेचिन से भरपूर होती है. शोध में पाया गया है कि ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर को कई लाभ पहुंचा सकते हैं. हर्ब और फूलों से बने ड्रिंक, जिनमें अक्सर कैफीन नहीं होता, उनमें कैमोमाइल, रूइबोस और बटरफ्लाई पी फ्लावर जैसे कई प्रकार के पौधे शामिल होते हैं.
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हर्बल चाय के फायदे- (Herbal Tea Health Benefits)
कैफीन-फ्री- कई हर्बल ड्रिंक में प्राकृतिक रूप से कैफीन नहीं होता है, जिनका सेवन शाम के समय अच्छा माना जाता है.
एंटीऑक्सीडेंट- शोध से पता चलता है कि हर्बल इन्फ्यूजन पॉलीफेनॉल और फ्लेवोनोइड से भरपूर होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी का समर्थन करते हैं.
पाचन- कैमोमाइल जैसे कुछ हर्ब का उपयोग पारंपरिक रूप से लंबे समय से पाचन के लिए किया जाता रहा है.
फूलों की चाय के फायदे- (Flower Tea Health Benefits)
फाइटोन्यूट्रिएंट्स- कुछ फूलों में एंटीऑक्सीडेंट और न्यूरोट्रॉपिक गुणों वाले यौगिक पाए जाते हैं.
कैफीन-फ्री- कई हर्बल मिश्रणों की तरह, फूलों के अर्क में आमतौर पर कैफीन नहीं होता है, जिससे वे रात के समय पीने के लिए परफेक्ट हैं.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














