संजीवनी बूटी से कम नहीं अगस्त्य का पेड़, इन बीमारियों का रामबाण इलाज

Agast Plant Benefits: अगस्त्य के पेड़’ को अगस्ति या गाछ मूंगा के नाम से भी जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम सेस्बानिया ग्रैंडिफ्लोरा है और यह तेजी के साथ उगने वाला पौधा है. इसे सेहत के लिए बेहद गुणकारी माना जाता है.

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Agast Plant Benefits: अगस्त्य के फूल के फायदे.

Agast Plant Benefits In Hindi: आयुर्वेद में कई ऐसे पेड़-पौधे हैं, जिनका इस्तेमाल किसी भी तरह के इलाज में किया जाता है. इन्हीं में से एक है ‘अगस्त्य का पेड़', जो एक खास और प्राचीन पेड़ है. इसमें खूबियां ऐसी हैं कि अगर इसकी तुलना संजीवनी बूटी से की जाए तो कम नहीं है. ‘अगस्त्य के पेड़' का फूल हो या पत्तियां या जड़ या फिर छाल, हर एक चीज काफी फायदेमंद होती है. ‘अगस्त्य के पेड़' को अगस्ति या गाछ मूंगा के नाम से भी जाना जाता है. इसका वैज्ञानिक नाम सेस्बानिया ग्रैंडिफ्लोरा है और यह तेजी के साथ उगने वाला पौधा है. यह मूल रूप से मलेशिया से उत्तर ऑस्ट्रेलिया क्षेत्र में पाया जाता है.

शास्त्रों से जुड़ा उल्लेख-

इससे जुड़ी खासियतों के बारे में बताते हैं. ‘अगस्त्य के पेड़' का उल्लेख शास्त्रों में मिलता है, जिससे मान्यता अनुसार पितृदोष का निवारण हो जाता है. आयुर्वेद के अनुसार अगस्त्य पेड़ शरीर से विषैले तत्वों को निकालने का काम भी करता है. इसके पंचांग, यानि फूल, फल, पत्ते, जड़ और छाल का उपयोग किया जाता है. इस पेड़ में आयरन, विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम और कार्बोहाइड्रेट पर्याप्त मात्रा में होते हैं.

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अगस्त्य के इस्तेमाल-

‘अगस्त्य के पेड़' पर उगने वाले फूल स्वास्थ्य के लिए काफी लाभकारी होते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटी अल्सर गुणों से युक्त होते हैं. डायबिटीज, सिरदर्द, खुजली सहित कई समस्याओं के लिए ‘अगस्त्य के फूल' फायदेमंद माने जाते हैं. इनका इस्तेमाल अर्क या पाउडर के रूप में होता है.

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आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के मुताबिक सिरदर्द होने पर इसके फूलों का अर्क बनाकर पीया जा सकता है, जिससे सिरदर्द में राहत मिलती है. इसके अलावा, जुकाम की समस्या को भी ‘अगस्त्य के फूल' दूर करने का काम कर सकते हैं.

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यही नहीं, पेट संबंधित समस्या के लिए भी ‘फूल' का अर्क कारगर है. इसके एंटी अल्सर गुण पेट के अल्सर को दुरुस्त करने में फायदेमंद साबित होते हैं. साथ ही, इसका अर्क गैस, पेट के दर्द और आंतों की सूजन के लिए संजीवनी बूटी से कम नहीं है.

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ये खुजली की समस्या से भी निजात दिलाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल गुण होने की वजह से स्किन इंफेक्शन को खत्म करने का काम करता है. साथ ही, इसे डायबिटीज में भी लाभकारी माना गया है. इसका अर्क टाइप-2 डायबिटीज को कंट्रोल करने में फायदेमंद होता है. इसके अलावा, इसका काढ़ा पीने से ब्लड शुगर कंट्रोल हो सकता है.

इसके फूलों में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी आर्थराइटिस गुण पाए जाते हैं, जो आर्थराइटिस रोगियों के लिए महत्वपूर्ण होते हैं. आर्थराइटिस के दौरान होने वाली सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकता है. खासियतों का खजाना है लेकिन जब भी इस्तेमाल करें तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लेनी चाहिए.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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