कबाब से लेकर बिरयानी तक, लखनऊ के इन व्यंजनों को मिला UNESCO का ताज, PM मोदी ने सराहा पाककला का जादू

Lucknow Food Heritage: इस शहर की पहचान नवाबी अंदाज में बनी है. जहां खाना बनाना एक रचनात्मक प्रक्रिया है और परोसना एक संस्कार. UNESCO ने लखनऊ की इसी विशेषता को पहचाना और उसे दुनिया के 70 गैस्ट्रोनॉमी शहरों में शामिल किया.

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लखनऊ को पाककला विरासत के लिए मिला UNESCO को सम्मान.

Lucknow UNESCO Gastronomy: लखनऊ जिसे नवाबों का शहर कहा जाता है, अब दुनिया के सबसे स्वादिष्ट शहरों की लिस्ट में शामिल हो गया है. UNESCO ने इसे क्रिएटिव सिटी ऑफ गैस्ट्रोनॉमी (Creative City of Gastronomy) का दर्जा दिया है, एक ऐसा सम्मान जो किसी शहर की पाककला विरासत, नवाचार और स्थायित्व को पहचानता है. यह सम्मान पाककला विरासत को संजोए रखने के लिए मिला है. यह उपलब्धि न केवल लखनऊ के लिए गर्व की बात है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विविधता और स्वाद की समृद्ध परंपरा का भी उत्सव है.

लखनऊ की पाककला स्वाद और इतिहास का संगम

लखनऊ की पाककला केवल खाना नहीं, बल्कि एक कला है. यहां की अवधी रसोई मुगलों की विरासत से प्रेरित है, जिसमें धीमी आंच पर पकने वाले व्यंजन, मसालों का संतुलन और स्वाद की गहराई शामिल है. दस्तरखान पर परोसे जाने वाले व्यंजन केवल पेट नहीं भरते, बल्कि दिल जीत लेते हैं.

इस शहर की पहचान नवाबी अंदाज में बनी है. जहां खाना बनाना एक रचनात्मक प्रक्रिया है और परोसना एक संस्कार. UNESCO ने लखनऊ की इसी विशेषता को पहचाना और उसे दुनिया के 70 गैस्ट्रोनॉमी शहरों में शामिल किया.

लखनऊ के किन व्यंजनों ने दिलाया यह सम्मान?

लखनऊ की पहचान उसके खास व्यंजनों से है, जो हर खाने वाले को याद रह जाते हैं. यहां कुछ प्रमुख व्यंजन हैं जिनकी वजह से यह सम्मान मिला:

गालौटी कबाब: नवाबों के लिए बनाए गए ये नरम कबाब मुंह में घुल जाते हैं. इनका इतिहास 100 से ज्यादा मसालों से बना है.
अवधी बिरयानी: खुशबूदार चावल, मसाले और मांस का ऐसा मेल जो लखनऊ की पहचान बन चुका है.
कुलचा-नीहार: सुबह-सुबह खाने वाला यह व्यंजन स्थानीय लोगों का पसंदीदा है.
काकोरी कबाब: इतिहास से जुड़ा यह व्यंजन अपनी कोमलता और स्वाद के लिए मशहूर है.
शीरमाल और रुमाली रोटी: मिठास और नरमी से भरपूर ये रोटियां लखनऊ की थाली को खास बनाती हैं.

मालाई मक्खन और टोकरी चाट, मिठास और चटपटे स्वाद का अनोखा मेल.

किन रेस्त्रां और स्थानों ने निभाई बड़ी भूमिका?

लखनऊ के कई प्रतिष्ठित रेस्त्रां और स्ट्रीट फूड स्टॉल्स ने इस उपलब्धि में योगदान दिया:

टुंडे कबाबी (अमीनाबाद): गालौटी कबाब का पर्याय बन चुका यह स्थान लखनऊ की पहचान है.
इदरीस बिरयानी (चौपटिया): बिना दिखावे के स्वाद का बादशाह.
रहमतुल्ला होटल (अकबरी गेट): पारंपरिक अवधी व्यंजन का ठिकाना.
प्रकाश कुल्फी (हजरतगंज): मिठास में लखनऊ की ठंडक.
शर्मा टी स्टॉल (लालबाग): चाय और बन-मक्खन का स्वाद जो हर सुबह को खास बनाता है.

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इन जगहों ने न केवल स्वाद को जीवित रखा, बल्कि स्थानीय व्यंजनों को वैश्विक पहचान दिलाई.

UNESCO की मान्यता का क्या मतलब है?

यह सम्मान केवल एक टैग नहीं, बल्कि एक अवसर है स्थानीय शेफ और फूड आंत्रप्रेन्योर को वैश्विक मंच मिलेगा. फूड टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा, जिससे रोजगार और संस्कृति दोनों को लाभ होगा. स्थायी पाककला को बढ़ावा मिलेगा, जैसे स्थानीय सामग्री का उपयोग, पारंपरिक विधियों का संरक्षण. उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा कि यह सम्मान लखनऊ की समृद्ध पाक परंपराओं, अवधी विरासत और अभिनव पाककला को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका का प्रतीक है.

सोशल मीडिया पर सेलिब्रिटीज की प्रतिक्रियाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्सर पर लिखा: "लखनऊ की पाककला भारत की सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक है. दुनिया भर के फूड लवर्स को इसे अनुभव करना चाहिए."

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एक्टर आयुष्मान खुराना ने इंस्टाग्राम स्टोरी में लिखा: "गालौटी कबाब और UNESCO का टैग - लखनऊ, तुमने दिल जीत लिया!"

शेफ रणवीर ब्रार, जो खुद लखनऊ से हैं, ने ट्वीट किया: "यह मेरे शहर के लिए गर्व का पल है. अब दुनिया को पता चलेगा कि असली स्वाद क्या होता है!"

फूड ब्लॉगर 'The Tasting Fork' ने लिखा: "लखनऊ की गलियों में जो स्वाद है, वो अब UNESCO की लिस्ट में है - चलो चलते हैं एक और फूड ट्रिप पर!"

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लखनऊ का UNESCO की 'Creative City of Gastronomy' में शामिल होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. यह न केवल स्वाद का सम्मान है, बल्कि संस्कृति, विरासत और नवाचार का उत्सव भी है. अब जब लखनऊ को यह वैश्विक पहचान मिल चुकी है, तो अगली बार जब आप वहां जाएं, एक गालौटी कबाब खाइए, एक कुलचा तोड़िए और महसूस कीजिए उस स्वाद को जो अब दुनिया भर में पहचाना जा रहा है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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