बचपन से हम सुनते आ रहे हैं कि फिश यानी की मछली या सी फूड के साथ कभी भी दूध का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है. लेकिन इसके पीछे वैज्ञानिक कारण क्या है और क्यों हमें मछली के साथ दूध का सेवन नहीं करना चाहिए, इसे लेकर लोगों में कई सारे सवाल होते हैं? तो चलिए आज आपको बताते हैं एक्सपर्ट्स का क्या कहना है कि मछली और दूध का संयोजन क्या सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है या यह सिर्फ एक मिथक है.
मछली और दूध का साथ में सेवन क्यों नहीं करना चाहिए-
1. आयुर्वेद के अनुसार
आयुर्वेद के अनुसार, दूध और मछली दो अलग-अलग डाइटरी चीजें हैं, यानी मछली मांसाहारी भोजन है जबकि दूध, एक पशु उत्पाद है, लेकिन शाकाहारी भोजन है. आयुर्वेदिक नजरिए से यह कॉम्बिनेशन हमारे शरीर पर पूरी तरह से विपरीत प्रभाव डालते हैं. इतना ही नहीं कहा जाता है कि मछली और दूध दोनों का एक साथ सेवन करने से खून में एक रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे ल्यूकोडर्मा नामक एक बीमारी हो सकती है.
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2. क्या है एक्सपर्ट्स की सलाह
आयुर्वेद के अलग अन्य विशेषज्ञों की मानें तो, इस बात के कोई सबूत नहीं है कि मछली के बाद दूध पीना हानिकारक हो सकता है या इससे चेहरे या शरीर पर सफेद दाग की बीमारी हो सकती है. हालांकि, ज्यादातर एक्सपर्ट्स ये जरूर मानते हैं कि दूध का शरीर पर ठंडा प्रभाव पड़ता है जबकि मछली का शरीर पर गर्म प्रभाव पड़ता है. यह दोनों प्रोटीन से भरपूर होते है और एक साथ इन्हें पचाने में मुश्किल हो सकती है.
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निष्कर्ष
तमाम बातों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि मछली और दूध का साथ में सेवन करना विषाक्त भले ही न हो, लेकिन ये फूड कॉम्बिनेशन स्वास्थ्य के लिए खराब माना जाता है. खासकर कमजोर इम्यूनिटी और पाचन वाले लोगों के लिए, क्योंकि वो इसे पचा नहीं पाते हैं, इसलिए जितना संभव हो इससे बचने में ही समझदारी है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.