Health Tips: सर्दियों में हरा साग हर किसी की फेवरेट डिश बन जाती है. पालक, बथुआ और सरसों जैसी हरी पत्तेदार सब्जियों से बना यह साग न केवल स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि हेल्थ के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है. हालांकि, जैसा कि कहते हैं, हर चीज की एक सीमा होती है, वैसे ही अगर आप जरूरत से ज्यादा हरे साग का सेवन करते हैं, तो यह फायदे के बजाय नुकसान पहुंचा सकता है.
यह जानना जरूरी है कि ज्यादा मात्रा में हरा साग खाने से आपकी सेहत पर क्या असर पड़ सकता है और इसे सही मात्रा में कैसे खाया जाए.
ज्यादा हरा साग खाने के नुकसान (Disadvantages of eating excessive greens)
1. कैल्शियम की कमी का खतरा
पालक, जो हरे साग का मुख्य हिस्सा होता है, में ऐसा कंपाउंड पाया जाता है जो शरीर की कैल्शियम अवशोषित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है. खासतौर पर अगर आपको ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस या हड्डियों से जुड़ी कोई और समस्या है, तो ज्यादा साग खाने से बचना चाहिए.
2. दस्त की समस्या
हरे साग में बथुआ, पालक और सरसों जैसी सब्जियां होती हैं, जिनमें मौजूद फाइबर कभी-कभी पेट को नुकसान पहुंचा सकता है. अगर आप दिन में तीन बार हरा साग खा रहे हैं, तो यह दस्त जैसी समस्या का कारण बन सकता है.
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3. पाचन में गड़बड़ी
ज्यादा हरा साग खाने से पाचन से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं. इसमें मौजूद हाई फाइबर कंटेंट पेट में गैस और अपच जैसी दिक्कतें पैदा कर सकता है.
सही मात्रा का रखें ध्यान
हरे साग का सेवन हेल्दी है, लेकिन इसे सही मात्रा में खाएं. अगर आपको कोई हेल्थ प्रॉब्लम नहीं है, तो दिन में एक या दो बार हरा साग खा सकते हैं. वहीं, जिन लोगों को हड्डियों या पाचन से जुड़ी समस्या है, वे इसे हफ्ते में दो से तीन बार खाएं.
इसलिए, हरे साग को अपनी डाइट में शामिल करें, लेकिन जरूरत से ज्यादा खाने से बचें. सही बैलेंस के साथ यह आपकी सेहत को फायदे पहुंचाएगा और सर्दियों में आपको फिट रखेगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)