एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ रही है प्रयोगशाला में विकसित मांस की मांग- रिपोर्ट

मांस प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन का एक प्रमुख स्रोत है, जो शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करता है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
लैब में बना मांस टिकाऊ है और पर्यावरण पर इसका कम प्रभाव पड़ता है.

एक रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में लैब में बनाए गए मांस को लेकर लोगों की रुचि तेजी से बढ़ रही है.  मांस प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन का एक प्रमुख स्रोत है, जो शरीर की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करता है. लेकिन पारंपरिक पशुपालन तकनीकें बढ़ती मांग को पूरा करने में असमर्थ साबित हो रही हैं. इस स्थिति में, लैब में उगाया गया मांस एक प्रभावी प्रोटीन विकल्प बनकर उभरा है.  ग्लोबल डेटा की रिपोर्ट के अनुसार, एशिया-प्रशांत के देश तकनीकी प्रगति और टिकाऊ तरीकों को लेकर बढ़ती जागरूकता के कारण लैब में मांस उत्पादन के अवसर तलाश रहे हैं.  

पारंपरिक पशुपालन पद्धतियां पर्यावरणीय समस्याएं, जैसे ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन, पानी की कमी और भूमि के अत्यधिक उपयोग, को बढ़ावा देती हैं.  

बैनगरी सुस्मिता, ग्लोबल डेटा में उपभोक्ता विश्लेषक ने बताया कि करीब तीन-चौथाई कृषि भूमि का उपयोग पशुपालन के लिए किया जाता है, जिससे अनाज की खेती के लिए बहुत कम जगह बचती है. इसके अलावा, मांस उत्पादन खाद्य उद्योग से ग्रीनहाउस गैसों का बड़ा कारण बनता है. वहीं, लैब में बना मांस टिकाऊ है और पर्यावरण पर इसका कम प्रभाव पड़ता है.  रिपोर्ट ने उपभोक्ताओं की पसंद में बदलाव का भी उल्लेख किया. सुस्मिता के अनुसार, लोग वैकल्पिक प्रोटीन स्रोतों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे लैब में बने मांस के प्रति स्वीकार्यता बढ़ रही है.  

Advertisement

ये भी पढ़ें- अंडे और मीट से भी ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है इस अनाज में, इन लोगों को जरूर करना चाहिए डाइट में शामिल

Advertisement

सिंगापुर को इसका सबसे अच्छा उदाहरण माना गया है. सिंगापुर ने इस नए प्रकार के खाद्य पदार्थों को अपनाते हुए खुद को वैश्विक नेतृत्व की ओर ले जाने का अवसर देखा है.  ग्लोबल डेटा के सर्वे में पाया गया कि एशिया और ऑस्ट्रेलिया के 81% उपभोक्ता खाद्य और पेय पदार्थ खरीदते समय उनके पर्यावरण-अनुकूल होने पर ध्यान देते हैं.  सुस्मिता ने कहा कि लैब में बना मांस ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन को कम करता है, जानवरों के प्रति नैतिक व्यवहार को बढ़ावा देता है और उच्च प्रोटीन वाले भोजन की बढ़ती मांग को पूरा करता है.  

Advertisement

रिपोर्ट में बताया गया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में खाद्य सुरक्षा और स्थिरता के लक्ष्यों को पाने के लिए इस तकनीक में निवेश और कानूनों को बढ़ावा दिया जाएगा. इससे क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और वैज्ञानिक नवाचार को बल मिलेगा.

Advertisement

हेपेटाइटिस बी: लक्षण, कारण और उपचार | Hepatitis B: Symptoms, Causes & Treatment

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

Featured Video Of The Day
Mahakumbh Traffic Jam: Weekend पर श्रद्धालुओं का सैलाब, शहर के भीतर भी कई जगह भारी जाम