Dahi ki Taseer Kaisi Hoti Hai, Thadi ya Garam: भारतीय खान-पान में दही (Curd या Dahi) का एक ख़ास स्थान है. यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है. लेकिन एक सवाल है जो हमेशा लोगों को भ्रमित करता है: दही की तासीर गर्म होती है या ठंडी? यह जानना इसलिए भी ज़रूरी है, क्योंकि आयुर्वेद और हमारे पारंपरिक ज्ञान के अनुसार, किसी भी चीज़ की तासीर ही तय करती है कि उसे किस मौसम या दिन के किस समय खाना चाहिए.
आज हम इस सवाल का जवाब डाइटिशियन और पोषण विशेषज्ञों की राय से जानेंगे. हम समझेंगे कि दही खाने का सही समय क्या है, और इसकी तासीर किन चीज़ों पर निर्भर करती है, ताकि आप इसका पूरा फायदा उठा सकें.
डाइटिशियन से जानें: दही की तासीर क्या है?
पोषण विशेषज्ञ और आयुर्वेदिक डॉक्टर दोनों ही राम अवतार बताते हैं कि दही की मूल तासीर आमतौर पर ठंडी (Cooling) होती है.
आयुर्वेदिक मत: आयुर्वेद के अनुसार, दही कफ और पित्त दोष को बढ़ाता है, लेकिन इसका ठंडा प्रभाव शरीर के तापमान को कम करने में मदद करता है. सादा दही (Plain Dahi) पेट को ठंडक देती है, यही कारण है कि इसे गर्मियों में छाछ या लस्सी के रूप में खूब पिया जाता है.
वैज्ञानिक मत: फोर्टीज अस्पताल की पोषण विशेषज्ञ दीप्ति खटूजा कहती हैं कि पोषण विज्ञान में तासीर जैसी कोई सीधी अवधारणा नहीं है, लेकिन दही में नमी (Water Content) अधिक होती है और यह पचने में हल्की होती है, इसलिए यह पेट में गर्मी या एसिडिटी पैदा नहीं करती, बल्कि उसे शांत करती है.
लेकिन यहाँ एक ज़रूरी बात है: दही की तासीर इस बात पर निर्भर करती है कि आप इसे कैसे और कब खा रहे हैं.
दही की तासीर कब बदल जाती है?
दही की तासीर पूरी तरह से उसके सेवन के तरीके पर निर्भर करती है:
1. खट्टापन (Fermentation Level)
दही जितनी ज़्यादा खट्टी (Sour) होगी, उसकी तासीर उतनी ही ज़्यादा गर्म होगी. ज़्यादा खट्टी दही शरीर में एसिडिटी और कफ बढ़ा सकती है. हमेशा ताज़ी और कम खट्टी दही का सेवन करना चाहिए.
2. दही खाने का समय (Time of Consumption)
दोपहर में: दोपहर के खाने के समय दही सबसे उत्तम और ठंडी होती है.
रात में: डाइटिशियन अक्सर रात के समय दही खाने से मना करते हैं. रात में दही खाने से कफ दोष बढ़ सकता है, जिससे सर्दी, खांसी और बलगम की समस्या हो सकती है. इसे रात में खाने पर यह पचने में भी भारी हो जाती है, जिससे तासीर 'गरम' जैसा प्रभाव देने लगती है.
3. दही के साथ क्या खा रहे हैं?
ठंडा प्रभाव: अगर आप दही में पानी (छाछ या लस्सी), चीनी, शहद, या फल मिलाकर खाते हैं, तो यह अपना ठंडा प्रभाव बनाए रखती है.
गर्म प्रभाव: अगर आप दही में बहुत ज़्यादा नमक, मिर्च या अन्य मसाले मिलाकर खाते हैं, तो यह मिश्रण की तासीर को गर्म कर देता है.
दही खाने के 5 अद्भुत स्वास्थ्य लाभ
तासीर चाहे जो भी हो, दही पोषक तत्वों का भंडार है और इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं:
- उत्कृष्ट प्रोबायोटिक (Probiotics): दही में लाखों अच्छे बैक्टीरिया होते हैं जो आंतों (Gut) के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं, जिससे पाचन मज़बूत होता है और कब्ज दूर होती है.
- मजबूत हड्डियाँ: दही कैल्शियम और विटामिन-डी का बेहतरीन स्रोत है, जो हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाने के लिए ज़रूरी हैं.
- इम्यूनिटी बूस्टर: दही में मौजूद लाइव कल्चर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को बढ़ाने में मदद करते हैं.
- वजन घटाने में सहायक: दही में प्रोटीन ज़्यादा और फैट कम होता है. यह पेट को भरा रखता है, जिससे भूख कम लगती है और वजन नियंत्रण में रहता है.
- त्वचा और बालों के लिए: दही में लैक्टिक एसिड होता है जो त्वचा को नमी देता है और एक्सफोलिएट करता है.
दही खाने का सही तरीका (सही तासीर बनाए रखने के लिए)
दही के गुणों का पूरा लाभ उठाने के लिए डाइटिशियन ये तरीके अपनाने की सलाह देते हैं:
- समय: इसे हमेशा सुबह नाश्ते या दोपहर के खाने (लंच) के साथ खाएं.
- तापमान: इसे फ्रिज से निकालकर तुरंत न खाएं. थोड़ा कमरे के तापमान पर आने दें.
- कैसे खाएं: ताज़ी दही का सेवन करें. रात में खाने से बचें या फिर छाछ (मक्खन निकाला हुआ और पतला) बनाकर खाएं.
- मिलावट: दही में नमक और भुना जीरा मिलाकर रायता या छाछ बनाना सबसे अच्छा तरीका माना जाता है.
संक्षेप में, दही की तासीर ठंडी होती है, लेकिन अगर आप इसे रात में या बहुत खट्टा करके खाते हैं, तो यह आपके शरीर में गर्मी या कफ का प्रभाव पैदा कर सकती है. इसलिए, सही समय और सही मिश्रण का ध्यान रखें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














