इस केमिकल से चमकाए जा रहे भुने चने, कैंसर समेत इन 3 गंभीर रोगों का खतरा, जानें कैसे करें केम‍िकल वाले चने की पहचान

Chemical In Roasted Chana: अगर आप भी हेल्दी खाने के लिए चने का सेवन करते हैं तो अब आपको सावधान होने की जरूरत है. दूध और दालों के बाद अब चने को भी केमिलक से रंग कर बेचा जाने लगा है. वो भी ऐसा केमिकल जो आपको कैंसर का शिकार बना सकता है.

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कहीं आप भी तो नहीं खा रहे हैं जहरीला चना.

Chemical In Roasted Chana: जब भी कुछ हेल्दी खाने की बात आती है तो हम जंक और पैकेज्ड फूड खाने की बजाए हेल्दी ऑप्शन्स चुनते हैं. जो हमारी सेहत के लिए भी फायदेमंद हो. ऐसे में इस हेल्दी फूड्स की लिस्ट में भुना चना भी आ जाता है. बता दें कि भुने हुए चने में प्रोटीन, फाइबर, आयरन और अन्य कई मिनरल्स पाए जाते हैं. जो कब्ज से राहत दिलाने, वेट लॉस, डायबिटीज को कंट्रोल करने और हार्ट की सेहत सुधारने में मदद करता है. लेकिन ये सभी फायदे तभी मिलते हैं जब आप शुद्ध चनों का सेवन कर रहे हैं. क्योंकि इस बार मिलावट की मार से चने भी नहीं बच पाए हैं. क्योंकि इन दिनों यूपी के अलग-अलग जिलों से केमिकल युक्त भुना चने मिल रहे हैं. 

बता दें पहले जहां नकली अंडे और दूध मिल ही रहे थे लेकिन अब केमिकल से चनों को और ज्यादा पीला बनाकर इसको बेचा जा रहा है. बता दें कि ये केमिकल वाले चने सिर्फ छोटी दुकानों पर ही नहीं बल्कि बड़े-बड़े मार्ट में भी मिल रहे हैं. अगर आप भी चनों की चमक देखकर के उसको खरीद रहे हैं तो अब आपको सावधान होने की जरूरत है. 

चनों को पीला करने के लिए किस केमिकल का हो रहा है इस्तेमाल

बता दें कि चनों को ज्यादा पीला बनाने के लिए चमड़ा और कपड़ा रंगने वाले ओरामाइन केमिकल लगाकर के पीला किया जा रहा है. बता दें कि ये केमिकल बैन है और जहरीला भी है. 

कैसे करें चने की पहचान

बता दें कि जब भी आप चने को खरीदकर बाहर से लाते हैं तो और ये दिखने में चमकीला और पीला रंग का है तो आपको एक बार उसका टेस्ट जरूर कर लेना चाहिए. 

रंग से जांच

चने को जांचने के लिए आप एक चने को लेकर उसकी बाहर की शेल निकाल दें और फिर चने को दबाकर के बीच से अलग करें. अगर चना बाहर से बिल्कुल पीला और अंदर से सफेद रंग का है या हल्की रंग है तो समझ जाइए कि आप केमिकल वाले चने का सेवन कर रहे हैं. 

पानी से जांच

इसके साथ ही आप एक बर्तन में पानी लीजिए और उसमें चनों को डालकर कुछ देर के लिए भिगोकर रखें. अगर चने पीला रंग छोड़ रहा है तो समझ जाइए कि आपके चने को केमिकल लगाकर पीला किया गया है.

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क्या है ओरामाइन (Auramine) और क्यों है खतरनाक?

ओरामाइन एक औद्योगिक डाई है, जिसका इस्तेमाल कपड़ों, कागजों और चमड़े को रंगने में किया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अंतर्गत आने वाली इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) ने इसे संभावित कैंसरजनक पदार्थों की लिस्ट में रखा है.

रिसर्च से भी यह भी साफ हुआ है कि अगर लंबे समय तक इसका सेवन किया जाए तो ये लिवर, किडनी, ब्लैडर में कैंसर जैसे रोग के खतरे को बढ़ा सकता है. भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने फूड आइटम्स में केवल कुछ ही रंगों का इस्तेमाल करने की परमीशन दी है. ओरामाइन जैसे औद्योगिक रंगों का प्रयोग “Food Safety and Standards Act, 2006” के तहत गंभीर अपराध माना जाता है.

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ओरामाइन सेहत पर डालता है खतरनाक असर

डॉक्टरों और विशेषज्ञों के अनुसार ओरामाइन जैसे केमिकल का लगातार सेवन करने से हमारे शरीर में धीरे-धीरे जहरीले तत्व जमा होने लगते हैं. जिसकी वजह से व्यक्ति कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकता है.

  • लिवर की कार्यक्षमता में कमी
  • ब्लैडर और किडनी के कैंसर की संभावना
  • स्किन और डाइजेस्टिव सिस्टम में जलन
  • बच्चों और प्रेगनेंट महिलाओं पर असर

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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