Bhai Dooj 2023: भाई दूज का पर्व कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का पर्व 14 नंवबर को मनाया जाएगा. इस दिन को भाई दूज या भैय्या दूज भी कहते हैं. इस दिन को भाई-बहन के प्यार और विश्वास के रिश्ते के प्रतीक के रुप में मनाया जाता है. भाई-दूज (Bhai Dooj) भाई-बहन के प्यार के रिश्ते के लिए स्पेशल फेस्टिवल (Special Festival) होता है. यह काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है. इस दिन बहने अपने भाई को तिलक करती हैं. मिठाई खिलाती हैं और फिर भाई उन्हें गिफ्ट देते हैं. अगर इस भाई दूध आप भी अपने भाई या बहन के लिए अपने हाथ से कुछ बनाना कर उन्हें सरप्राइज करना चाहते हैं तो आप इस डिश को बना सकते हैं.
भाई दूध स्पेशल 3 मिनट चॉकलेट केक रेसिपीज- (Bhai Dooj Special 3 Minute Chocolate Cake Recipe)
भाई दूध पर आप चॉकलेट से बनी इस डिश को बहुत ही कम समय में बना सकते हैं. इस केक को बनाने के लिए आपको क्या सामग्री चाहिए और कैसे बनाना है नीचे दिखें-
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सामग्री-
- मैदा
- पीसी हुई चीनी
- कोको
- ओरियो बिस्कुट
- बेकिंग पाउडर
- नमक
- वनीला एक्सट्रैक्ट
- बटर
- दूध
विधि-
इस केक को बनाने के लिए आपको मैदा, चीनी, कोको, बेकिंग पाउडर और नमक को एक मग में मिला लेना है.
अब इसमें वनीला, क्रश की हुई कुकीज़ और दूध डालकर मिश्रण बना लें। ध्यान रहे कि मग आधा ही भरे, केक को फूलने और बेक होने के लिए जगह छोड़ दें.
तेज़ तापमान पर एक मिनट के लिए बेक करें.
ध्यान रहे कि मग आधा ही भरे, केक को फूलने और बेक होने के लिए जगह छोड़ दें.
तेज़ तापमान पर एक मिनट के लिए बेक करें.
भाई दूज की शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj Muhurat)
इस साल भाई दूज की तिथि 14 नंवबर, 2023 मंगलवार को दोपहर 1:30 मिनट से शुरु होकर
3.45 मिनट तक रहेगी.
भाई दूज कथा-(Bhai Dooj Katha)
भाई दूज से जुड़ी कई कथाएं है. पौराणिक कथाओं के अनुसार कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमुना जी ने अपने भाई यमराज को अपने घर पर सत्कार-पूर्वक भोजन कराया था. बहन के घर जाते समय यमराज ने नरक में निवास करने वाले जीवों को मुक्त कर दिया. बहन यमुना ने अपने भाई को घर बुला कर इस दिन तिलक लगाया और तरह-तरह का भोजन कराया. यमराज ने चलते वक्त बहन यमुना से मनोवांछित वरदान मांगने को कहा. यमुना ने कहा कि यदि आप मुझे वर देना ही चाहते हैं तो यही वर दीजिए कि आज के दिन प्रत्येक वर्ष आप मेरे यहां आएंगे और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे. यमुना की प्रार्थना को यमराज ने स्वीकार कर लिया. तभी से इस दिन भाई दूज के नाम से मनाया जाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)