Papay for Piles: पपीता का सेवन सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है खासतौर पर पेट के लिए. कब्ज की समस्या से राहत दिलानी हो या फिर पेट में किसी तरह का भारीपन महसूस हो तो ऐसे में पपीता का सेवन आपके लिए बेहद फायेदमंद साबित हो सकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि बवासीर की समस्या में भी पपीता एक रामबाण साबित हो सकता है. डॉक्टर सलीम जैदी ने अपने यूट्यूब वीडियो में बताया है कि कैसे पपीता आपकी पाइल्स की समस्या से छुटकारा दिला सकता है. उन्होंने बताया कि सिर्फ एक पपीता खाने भर से पाइल्स के कई केसेस में बिना किसी दवा के रिकवरी कराई जा सकती है. लेकिन इसके लिए आपको पपीता खाने का सही तरीका, सही समय और कुछ प्रिकॉशंस का पता होना बहुत जरूरी है.
बवासीर क्या है ( What is Piles)
बवासीर सिर्फ एक शारीरिक प्रॉब्लम नहीं है. यह आपके पूरे कॉन्फिडेंस को खत्म कर देती है. टॉयलेट जाना एक मुसीबत बन जाता है. बाइक पर बैठना सजा लगता है और ऑफिस चेयर पर लंबे टाइम तक बैठना ऑलमोस्ट इंपॉसिबल हो जाता है. और सबसे बड़ी बात अगर इसको जड़ से ठीक ना किया जाए तो ऑपरेशन के बाद भी पाइल्स वापस आ सकती है.
बवासीर कब होती है ( When Piles Cause)
पाइल्स तब होता है जब आपके एनस यानी लैट्रिन की जगह के ब्लड वेसल्स सूज या फिर फूल जाती हैं. और इसका सबसे कॉमन ट्रिगर होता है हार्ड स्टूल जो कि हर दिन इन नसों पर प्रेशर डालता है. हार्ड स्टूल यूजुअली लो फाइबर डाइट, कम पानी पीने, सिड्री लाइफस्टाइल या फिर प्रेगनेंसी के बाद होता है. तो अगर हम स्टूल को नेचुरली सॉफ्ट बना दें तो पाइल्स के इन लक्षणों को हम काफी हद तक कंट्रोल में रख सकते हैं. और यहां पपीता एक सिंपल लेकिन पावरफुल रोल प्ले करता है.
बवासीर में पपीते के फायदे ( Papaya in Piles)
पपीते में पपाइन नाम का एक नेचुरल एंजाइम होता है जो कि डाइजेशन को स्मूथ बनाता है. तो जब डाइजेशन अच्छा होगा तो स्टूल नेचुरली सॉफ्ट होता है और स्वेलिंग कम होती है. साथ ही इसमें सॉलुबल फाइबर भी होता है जो कि पानी को अब्सॉर्ब करके स्टूल को जेल की तरह सॉफ्ट बना देता है. और जब स्टूल नरम होता है तो आसानी से बाहर निकलता है. एनस्पॉर स्ट्रेन कम पड़ता है और यही चीज पाइल्स की हीलिंग के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होती है.
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बता दें कि पपीता सिर्फ डाइजेशन ही नहीं बल्कि पाइल्स के तीन और कोर सिम्टम्स को भी टारगेट करता है. पहला बर्निंग सेंसेशन और स्वेलिंग यानी पपीता के जो एंटी इनफ्लामेटरी कंपाउंड्स होते हैं, वह सूजन और जलन को शांत कर देते हैं. जो लोग टॉयलेट के बाद बर्निंग की वजह से तुरंत बाथरूम से निकलकर आइस पैक लगाने की सोचते हैं, उनके लिए यह नेचुरल कूलिंग इफेक्ट देता है. अक्सर एक से दो हफ्तों के अंदर आपको इससे बर्निंग में काफी ज्यादा कमी दिखाई देनी शुरू हो जाती है.
दूसरा पपीता आपके इंटेस्टाइन को सॉफ्टली क्लीन करता है. यह कोई हार्श लेग्जेटिव नहीं होता जो कि आपको क्रैंप्स दे बल्कि एक नेचुरल ब्रूम की तरह एक झाड़ू की तरह काम करता है जो कि डेली वेस्ट को क्लियर करके पाइल्स के दोबारा होने के रिस्क को कम करता है.
तीसरा इसमें मौजूद विटामिन सी और विटामिन ए आपकी बॉडी के टिश्यूस की रिपेयर प्रोसेस को फास्ट कर देते हैं. बिल्कुल वैसे ही जैसे मरहम घाव को जल्दी भर देता है. वैसे ही पपीता पाइल्स में काफी तेजी से हीलिंग करता है. साथ ही इम्यूनिटी को भी यह बूस्ट करता है और इन्फेक्शन होने के चांसेस को भी कम करता है और यह सारी चीजें मिलके आपके पाइल्स की हीलिंग में मदद करती है.
कब और कैसे खाएं
पपीता बवासीर में फायदेमंद होता है लेकिन तभी जब आप इसे सही समय और सही तरीके से खाते हैं. आप पपीता हैवी मील्स के तुरंत बाद खाते हैं तो इससे डाइजेशन स्लो हो जाता है. पपाइन एंजाइम का इफेक्ट कम हो जाता है और कभी-कभी गैस ब्लोटिंग या लूज मोशन भी आपको हो सकते हैं. इसलिए इसे सही टाइम पर खाना बहुत जरूरी है. पपीता खाने का सबसे अच्छा टाइम होता है सुबह खाली पेट. जी हां, अगर आप सुबह खाली पेट आधा कटोरी पका हुआ पपीता खाएंगे तो आपका पेट खुलकर सुबह में साफ होगा और रिजल्ट्स आपको सबसे अच्छे मिलेंगे. लेकिन अगर आप सुबह में इसे नहीं ले सकते हैं तो रात को सोने से 2 घंटे पहले एक छोटी कटोरी भरकर भी आप इसको खा सकते हैं.
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