Piles Kaise Theek Kare: सोचिए अगर पाइल्स का परमानेंट सॉल्यूशन सिर्फ सर्जरी होता, तो 50% लोगों में सर्जरी के बाद भी यह दोबारा से क्यों होती? यही पाइल्स की सबसे बड़ी दिक्कत है कि सर्जरी के बावजूद भी यह प्रॉब्लम खत्म नहीं होती है. रिसर्च कहती है कि ट्रीटमेंट कराने के बाद भी लगभग आधे लोगों में यानी 50% लोगों में पाइल्स सिर्फ दो से तीन साल के अंदर ही दोबारा लौट आती है. तो असली सवाल यह आता है कि फिर पाइल्स को जड़ से खत्म कैसे किया जाए ताकि यह कभी भी जिंदगी में वापस ना आए. डॉक्टर सलीम ने बताया कि उन्होंने पिछले 20 सालों में उन्होंने हजारों ऐसे पेशेंट्स को देखा है जो कि पाइल्स, फिशर और फिस्टुला जैसी दर्दनाक और शर्मनाक बीमारियों से जूझ रहे थे. और एक सवाल जो उन्हें बार-बार सुनने को मिलता है वो ये कि डॉक्टर साहब ऑपरेशन तो करा लिया था लेकिन पाइल्स दोबारा से हो गई. अब क्या करें? इसीलिए उन्होंने 5 साइंटिफिकली प्रोवन रेमेडीज और कुछ असरदार टिप्स बताई हैं जो कि पाइल्स को जड़ से खत्म करने में आपकी बहुत ज्यादा मदद करेंगे.
पाइल्स बार-बार क्यों होती है?
आपके लाइफस्टाइल और बॉडी के अंदर छुपे चार ऐसे ट्रिगर्स जो कि पाइल्स को दोबारा से एक्टिवेट कर देते हैं. सबसे पहला ट्रिगर है लो फाइबर डाइट और कॉन्स्टेंट कॉन्स्टिपेशन. जब खाने में फाइबर कम होता है तो स्टूल हार्ड हो जाता है. लैट्रिन सख्त हो जाती है और फिर उसे पास करने के लिए आपको एक्स्ट्रा प्रेशर लगाना पड़ता है. जिससे क्या होता है कि नसों के अंदर सूजन बढ़कर पाइल्स को फिर से एक्टिवेट कर देती है.
दूसरा फैक्टर है सिडेंट्री लाइफस्टाइल. दिन भर कुर्सी पर बैठे रहना या फिर लेटे रहना एक ऐसी आदत है जो कि पेल्विस एरिया में आपके ब्लड सर्कुलेशन को स्लो कर देती है. इससे वेंस के अंदर ब्लड इकट्ठा होने लगता है, जिससे वहां पर प्रेशर बढ़ जाता है और पाइल्स के लौटने का रिस्क 70% तक ज्यादा इनक्रीस हो जाता है.
प्रेगनेंसी और पोस्ट डिलीवरी प्रेशर. महिलाओं में प्रेगनेंसी और डिलीवरी के बाद पेल्विक फ्लोर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है. इससे उनकी वेंस वीक हो सकती है और पाइल्स दोबारा से शुरू हो सकती है.
स्ट्रेस और डाइजेशन का कनेक्शन और लास्ट ट्रिगर है स्ट्रेस. यह तो आप जानते ही हैं कि ज्यादा टेंशन से डाइजेशन बिगड़ जाता है. आयुर्वेद के अनुसार यह वात दोष के इमंबैलेंस की वजह से होता है जो कि सीधे तौर पर कब्ज और बवासीर को ट्रिगर करता है.
पाइल्स के लिए असरदार घरेलू उपाय
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डाइट
पाइल्स पर सबसे ज्यादा असर डालती है आपकी डाइट. यानी आप क्या खाते पीते हैं? स्पाइसी, ऑयली और मैदे वाली चीजें इस टूल को एब्नॉर्मली हार्ड बना देती हैं और इससे पाइल्स की प्रॉब्लम बढ़ती है. ये आप सभी लोग अच्छी तरह से जानते हैं. हम आज बात करेंगे कुछ ऐसे खास फूड्स की और कुछ ऐसी आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों के बारे में जो कि आपकी पाइल्स की प्रॉब्लम को असल में जड़ से ठीक करने में आपकी हेल्प करती हैं.
त्रिफला और घी
जी हां, रोजाना रात को सोने से पहले एक चम्मच त्रिफला पाउडर को एक चम्मच देसी घी के साथ खाना एक बहुत ही बढ़िया प्रैक्टिस है. यह आपके पेट को साफ करेगा और वात दोष को बैलेंस करके पाइल्स में आपको परमानेंट राहत देगा.
ईसबगोल की भूसी
ईसबगोल की भूसी भी पाइल्स में बहुत ज्यादा आराम दिलाती है. एक गिलास गुनगुने पानी में दो चम्मच ईसबगोल मिलाकर सोते टाइम आप चाहे तो ले सकते हैं. अगर आपको इसको रोज लेना पसंद नहीं है तो आप अपनी डाइट में फाइबर रिच फूड्स इंक्लूड कीजिए. जैसे कि पपीता, अंजीर, सेब और हरी सब्जियां. लेकिन इस बात का भी ध्यान रखिएगा कि फाइबर तभी काम करेगा जब आप दिन भर 8 से 10 गिलास पानी जरूर पिएंगे. यानी पानी की कमी आपके अंदर नहीं होनी चाहिए. तभी फाइबर आपकी जो प्रॉब्लम है उसको ठीक करेगा. वरना ये आपके स्टूल को और ज्यादा हार्ड कर सकता है जो कि आपकी प्रॉब्लम को ट्रिगर करेगा.
छाछ
छाछ जिसे हम इंग्लिश में बटर मिल्क भी कहते हैं. आयुर्वेद में पाइल्स के लिए छाछ को अमृत माना गया है. यह सिर्फ एक ड्रिंक नहीं बल्कि एक औषधि है. आप लंच के 15 मिनट के बाद एक गिलास ताजी छाछ लीजिए. इसमें आप चाहें तो आधा चम्मच भुना हुआ जीरा पाउडर और एक चुटकी सेंधा नमक भी मिला लीजिए तो इससे आपको और भी ज्यादा फायदा मिलेगा. यह आपके पाचन तंत्र को ठंडक देगा. साथ ही यह रेक्टल एरिया की गर्मी और सूजन को कम करेगा और कब्ज को भी जड़ से मिटा देगा.
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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)














