ख़बर पढ़ने से पहले आपको चाय पर एक शायरी सुनाते हैं, "आज फिर चाय बनाते हुए वो याद आया आज फिर चाय में पत्ती नहीं डाली मैंने." चलिए आपको एक और शायरी सुनाते हैं, उदासी में कुछ पल जन्नत में जियोगे क्या, चाय बना रही हूं अदरक वाली, पियोगे क्या... आप भी सोच रहे होंगे कि आख़िर ऐसा क्या हुआ कि ख़बर लिखने से पहले मैं आपको लगातार शायरियां ही सुनाता जा रहा हूं. दरअसल, आज जिनके बारे में आपको बताने जा रहा हूं, वो चाय ज़रूर बनाते हैं, मगर चाय के साथ-साथ शायरी भी सुनाते हैं. इनकी दुकान पर आने के बाद आपको हरेक बात पर शायरी सुना देंगे. साइकिल, कलम, पेंसिल, पत्रकार, मां, चांद... कुछ भी शब्द दे दो, ये आपको तुरंत शायरी सुना देंगे.
इनका नाम है ओम प्रकाश सिंह. फिल्म सिटी, नोएडा सेक्टर 16 में इनकी चाय की दुकान है. चाय के साथ-साथ लस्सी, अंडे और सैंडविच भी बनाते हैं. इनकी खासियत है कि काम करते हुए आपको 3-4 शायरी सुना ही देंगे. शायरी के अलावा ये बेहतरीन चाय बनाते हैं. आख़िर इनकी बकवास चाय कैसी है, वो आपको इस वीडियो में देखने और सुनने को मिलेगा.
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वीडियो देखने के बाद आप पूरी तरह से समझ गए होंगे कि ओम प्रकाश सिंह किस मिजाज के हैं. आपकी ज़िंदगी में कई परेशानियां होंगी, मगर यहां आने के बाद (India Ka Zaika With Bikram Singh) आपको सुकून मिलेगा. बनारस वाली फीलिंग मिलेगी, चाय में स्वाद रहेगा, साथ ही साथ संवाद भी होगा.
ओम प्रकाश जी चाय में कई तरह के मसाले मिलाते हैं. एक तरह से ये मसाला चाय है. चाय के अलावा काढ़ा भी बनाते हैं. खाने में ब्रेड ऑमलेट बनाते हैं. दरअसल, ओम प्रकाश सिंह एक मीडिया संस्थान में बतौर ग्राफिक डिजाइनर भी काम कर चुके हैं. ऐसे में क्रियटिविटी उनके अंदर खूब है. चाय से लगाव है तो काम छोड़ कर दुकान खोल ली. दिन भर लोगों को चाय पिलाते हैं और बातचीत करते हैं.