Baisakhi 2025 Date: 13 या 14 अप्रैल कब है बैसाखी? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और रेसिपी

Baisakhi 2025 Date: बैसाखी त्योहार को प्रमुख रूप से सिख समुदाय के द्वारा मनाया जाता है. इसे बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है.

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Baisakhi 2025 Date: बैसाखी सिखों का महत्वपूर्ण त्योहार है.

Baisakhi 2025 Date: पंजाब हरियाणा में हर साल बैसाखी का त्योहार बड़े ही जोर-शोर से मनाया जाता है. बैसाखी को पोइला, बौइशाख, विशु, और बीहू जैसे नामों से भी जाना जाता है. इस साल 14 अप्रैल को बैसाखी (Baisakhi 2025) का पर्व मनाया जाएगा. बैसाखी सिखों का महत्वपूर्ण त्योहार है. 1699 में इसी दिन गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. मान्यतानुसार इस पंथ की स्थापना का लक्ष्य धर्म और नेकी के रास्ते पर चलना और उसका पालन करना था. किसान अपनी फसल काटने की खुशी में यह त्योहार मनाते हैं तो वहीं पंजाब में इस दिन गिद्दा-भांगड़ा किया जाता है. इस दिन को सिक्खों के नए साल के रूप में भी मनाया जाता है.

बैसाखी स्पेशल कड़ा प्रसाद- (Baisakhi Special Recipe)

भारत में कोई भी त्योहार बिना मीठे के नहीं मनाया जाता है. पंजाबी बैसाखी पर  (गुड़ का हलवा) यानि कड़ा प्रसाद खासतौर पर तैयार करते हैं. इसे गुड़ और घी को मिलाकर बनाया जाता है. इसे आप बहुत कम समय में आसानी से तैयार कर सकते हैं.

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सामग्री-

  • गेंहू का आटा
  • चीनी
  • पानी
  • घी

विधि-

इस डिश को बनाने के लिए सबसे पहले घी को पिघला लें और इसमें गेंहू का आटा डालें और तेज आंच पर फ्राई करें. अगर आटा लगने लगें तो आंच को कम करें दें. इसी समय एक पैन में पानी के साथ चीनी को पूरी तरह घुलने तक पकाएं. जब आप इस मिश्रण को चला रहे होंगे तो पहले यह थोड़ा पेस्ट जैसे लगेगा और बाद में यह इक्कठा हो जाएगा. जब यह पूरी तरह फ्राई हो जाए तो यह थोड़ा चमकदार दिखाई देगा और यह पैन में चिपकेगा भी नहीं. जब चाशनी तैयार हो जाए तो इसे आटे में डालें और पूरी तरह सूखने दें.

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बैसाखी 2025 शुभ मुहूर्त- (Baisakhi 2025 Shubh Muhurat) 

इस वर्ष, बैसाखी का पर्व 14 अप्रैल, 2025 को रविवार के दिन मनाया जाएगा. 

बैसाखी का सांस्कृतिक महत्व-(Cultural significance of Baisakhi)

बैसाखी मुख्य रूप से नई फसल के आगमन की खुशी में मनाई जाती है. इसके अलावा, उत्तरी राज्यों जैसे उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू, हिमाचल, हरियाणा, और उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में लोग इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं. भारत के अन्य कई हिस्सों में बैसाखी को भारतीय सौर नव वर्ष के रूप में भी माना जाता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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