Navratri 2nd Day Maa Brahmcharini: मां दुर्गा की नव शक्तियों का दूसरा स्वरुप माता ब्रह्मचारिणी का है. नवरात्रि (Navratri 2nd Day 2021) के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है. ब्रह्मचारिणी का अर्थ, ब्रह्म का अर्थ होता है तपस्या और चारिणी का अर्थ आचरण से है, यानी ये देवी तप का आचरण करने वाली हैं. पौराणिक ग्रंथों के अनुसार ये हिमालय की पुत्री थीं तथा नारद के उपदेश के बाद भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए इन्होंने कठोर तप किया. जिस कारण इनका नाम तपश्चारिणी अर्थात् ब्रह्मचारिणी पड़ा. मां का यह रूप काफी शांत और मोहक है. माना जाता है कि जो भक्त मां के इस रूप की पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. मां का यह स्वरूप आपको ब्रह्मचर्य का पालन करने के लिए प्रेरित करता है. मां ब्रह्मचारिणी (Maa Brahmcharini) स्वेत वस्त्र पहने दाएं हाथ में अष्टदल की माला और बांए हाथ में कमण्डल लिए हुए सुशोभित है. मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर या शक्कर से बनी चीजों का भोग चढ़ाया जाता है. आप मां को भोग में शक्कर से बनी चीजों का भोग लगाएं. तो चलिए हम बताते हैं आपको भोग के लिए ये स्पेशल रेसिपी.
मां ब्रह्मचारिणी भोगः (Maa Brahmcharini Bhog)
हिंदू धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है. नवरात्रि के दूसरे दिन करें मां ब्रह्मचारिणी की पूजा, माता को शक्कर से बनी चीजें काफी प्रिय हैं. शक्कर से कई तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं. आप माता को शक्कर से बनी खीर का भोग लगा सकते हैं. खीर एक बहुत ही स्वादिष्ट रेसिपी है. अगर आप नौ दिनों का व्रत कर रहे हैं तो आप व्रत वाली खीर बना के भोग में लगाएं. भोग के बाद आप भी इसे खा सकते हैं. साबूदाना खीर बनाने में ज्यादा झंझट नहीं है. इसे सिर्फ साबूदाना, दूध, चीनी, इलाइची और केसर से बनाया जाता है. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.
आप माता को शक्कर से बनी खीर का भोग लगा सकते हैं.
माता ब्रह्मचारिणी की पूजा विधिः (Maa Brahmcharini Pujan Vidhi)
मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने के लिए इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें. इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें. देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा करते समय सबसे पहले हाथों में एक फूल लेकर उनका ध्यान करें और प्रार्थना करें. इसके बाद देवी को पंचामृत स्नान कराएं, फिर अलग-अलग तरह के फूल,अक्षत, कुमकुम, सिन्दुर, अर्पित करें. देवी को सफेद और सुगंधित फूल चढ़ाएं. इसके अलावा कमल का फूल भी देवी मां को चढ़ाएं और इन मंत्रों से प्रार्थना करें.
माता ब्रह्मचारिणी के मंत्रः (Maa Brahmcharini Mantra)
या देवी सर्वभेतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता.
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः..
दधाना कर मद्माभ्याम अक्षमाला कमण्डलू.
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा
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