प्रतीकात्मक तस्वीर
इजरायल पर हमले का जिक्र किए बिना कथित तौर पर हमास और फिलिस्तीन मुद्दे का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस निशाने पर आ गई है. इजरायल और हमास समूह के बीच ताजा युद्ध में 3,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं.
इज़रायल-फिलिस्तीन युद्ध पर कांग्रेस के बयान से जुड़े 10 तथ्य:
- कांग्रेस ने रविवार को इजरायल के लोगों पर हमलों की निंदा करते हुए कहा कि हिंसा कभी कोई समाधान नहीं देती. हमास द्वारा गाजा पट्टी से इज़रायल पर 5,000 रॉकेट दागे जाने के बाद युद्ध छिड़ गया.
- कांग्रेस वर्किंग कमेटी, पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था, ने युद्ध पर अपनी "निराशा और पीड़ा" व्यक्त की और फिलिस्तीनी लोगों के "भूमि (और) स्वशासन, और गरिमा और सम्मान के साथ जीने के अधिकार" के प्रति अपने समर्थन को तवज्जों दी ".
- कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी का हमेशा मानना रहा है कि इजरायलियों की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को सुनिश्चित करते हुए फिलिस्तीन के लोगों की वैध आकांक्षाओं को बातचीत के माध्यम से पूरा किया जाना चाहिए.
- इस बयान की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कड़ी आलोचना की, जिसने दावा किया कि कांग्रेस हमास का समर्थन कर रही है. भाजपा ने विपक्षी दल पर आतंकवाद का समर्थन करने का आरोप लगाया.
- भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने कहा, "इजरायल युद्ध पर कांग्रेस का सीडब्ल्यूसी प्रस्ताव इस बात का उत्कृष्ट उदाहरण है कि कैसे भारतीय विदेश नीति कांग्रेस की अल्पसंख्यक वोट बैंक की राजनीति से बंधी थी." अगले साल होने वाले चुनाव से पहले कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए सांसद ने कहा, "यह इस बात की याद दिलाता है कि अगर हम 2024 में सतर्क नहीं रहे तो चीजें कितनी जल्दी शून्य पर वापस चली जाएंगी."
- सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस का बयान पार्टी के भीतर विभाजन को उजागर करता है, सूत्रों ने यह भी सुझाव दिया कि बयान में उस अनुभाग को शामिल करना एक प्रमुख बाधा बिंदु था और यह मूल मसौदे का हिस्सा नहीं था.
- अपने बचाव में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि बीजेपी लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है और कहा कि इजरायल में चल रहे युद्ध को लेकर पार्टी में कोई मतभेद नहीं है.
- वरिष्ठ कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा, "कोई नाराजगी नहीं है और ये सब अफवाहें हैं. यह अफसोस की बात है कि लोग कांग्रेस के प्रस्ताव पर राजनीति कर रहे हैं...चाहे इजराइल में हों या गाजा में, हम चाहते हैं कि भारतीय नागरिक सुरक्षित रहें. उन्हें वापस आना चाहिए, इसी पर फोकस होना चाहिए."
- गोगोई ने यह भी कहा कि भाजपा नेताओं को इजरायल-फिलिस्तीन संघर्ष पर पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के रुख को भी याद रखना चाहिए. वाजपेयी, जिन्होंने 1999 से 2004 तक भाजपा सरकार का नेतृत्व किया, उन्होंने कई अवसरों पर फिलिस्तीनी लोगों के हितों का समर्थन किया.
- युद्ध में संयुक्त रूप से मरने वालों की संख्या 3,000 तक पहुंच गई और इज़रायल सेना ने कहा कि वह अपने प्रतिशोध के अगले चरण की तैयारी के लिए हजारों सैनिकों के लिए एक बेस बना रही है. हमास ने सोमवार देर रात कहा कि अगर इजरायल हमला करता है तो वह बंधकों को मारने के लिए तैयार है.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Assembly Elections: BJP उम्मीदवारों की लिस्ट पर बड़ा अपडेट