ज्ञानवापी केस सुनवाई योग्य है या नहीं? अदालत में आज होगा फैसला: 10 बड़ी बातें

ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर वाराणसी की अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी. इसके मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.

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वाराणसी में धारा-144 लागू

नई दिल्ली:

ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस पर वाराणसी की अदालत आज अपना फैसला सुनाएगी. इसके मद्देनजर नगर में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है.

ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस से जुड़ी अहम बातें
  1. वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर मामले में आज जिला अदालत का फैसला आएगा. अदालत में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी मुकदमे की पोषणीयता यानी मुकदमा चलने योग्य है या नहीं, इस बात पर फैसला होना है. 
  2. अदालत के फैसले से पहले काशी के मंदिरों में पूजा-अर्चना शुरू हो चुकी है. महावीर मंदिर में हवन-पूजन भी किया गया. लोगों में इस मामले की सुनवाई को लेकर काफी उत्सुकता दिख रही है.
  3. ज्ञानवापी मामले में दायर याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं, इसी मसले पर सुनवाई होनी है. लगभग 21 दिनों तक चली बहस के बाद इस पर अदालत अपना फैसला सुनाएगी.
  4. इस फैसले के मद्देनजर वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट पूरी तरीके से सतर्क है कि कहीं किसी तरीके की कोई बात ना हो सके. इसको लेकर एक तरफ जहां धारा 144 लगाई गई है.
  5. अलग-अलग सेक्टर में बैठकर जिले की सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए हैं. सभी पुलिस अधिकारियों को अपने क्षेत्रों के धर्म गुरुओं के साथ संवाद करने का निर्देश दिया गया है.
  6. ज्ञानवापी परिसर स्थित मां श्रृंगार गौरी के नियमित दर्शन-पूजन की मांग को लेकर जिला जज ए. के. विश्वेश की अदालत में चल रहा मुकदमा सुनवाई योग्य है या नहीं, इस पर बहस पूरी हो गयी है.
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  8. जिस पर अदालत ने इस मामले में आदेश को सुरक्षित रख लिया है. अदालत आज इस पर आदेश सुनाएगी. ऐसे में आज की सुनवाई काफी अहम है.
  9. ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट पिछली 19 मई को जिला अदालत में पेश की गई थी. सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद में शिवलिंग मिलने का दावा किया था जबकि मुस्लिम पक्ष ने उसे फव्वारा बताया था.
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  11. मुस्लिम पक्ष ने इस मामले को उपासना स्थल अधिनियम के खिलाफ बताते हुए कहा था कि यह मामला सुनवाई के योग्य नहीं है. 
  12. इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें पूरी हो चुकी हैं. हिंदू पक्ष का दावा है कि मुस्लिम पक्ष बहुत पुराने दस्तावेज पेश कर रहा है जो इस मामले से संबंधित नहीं है.
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