उदयपुर में टेलर कन्हैयालाल की हत्या के आरोपियों पर शनिवार को कोर्ट परिसर में वकीलों ने हमला कर दिया. घटना उस समय हुई जब आरोपियों को कोर्ट से पुलिस कस्टडी में ले जाया जा रहा था. बता दें कि NIA ने इस मामले में दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिनकी पहचान मोहसिन और आसिफ के रूप में की गई है.
- मामले के आरोपी और उनके दो साथी पुलिस के पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच जयपुर स्थित NIA कोर्ट में मौजूद थे. सभी चार आरोपियों को 10 दिन के लिए न्यायिक हिरासत क्या है में भेज दिया गया है.
- कन्हैयालाल की हत्या के कुछ घंटे बाद ही पुलिस ने मुख्य आरोपी रिजाय अख्तरी और गौस मोहम्मद को गिरफ्तार किया था. आरोपियों ने कन्हैयालाल की हत्या सिर्फ इसलिए कर दी थी क्योंकि वो नूपुर शर्मा का समर्थन कर रहा था.
- आरोपियों ने पहले कन्हैयालाल की हत्या का वीडियो बनाया था और बाद में उसे सोशल साइट्स पर अपलोड भी किया था. इस वीडियो में आरोपी नूपुर शर्मा के बयान को इस्लाम का अपमान भी बता रहे थे साथ ही वो पीएम मोदी को भी धमकी दे रहे थे.
- पुलिस के अनुसार आरोपी कन्हैयालाल के सिर धड़ से अलग करना चाहते थे लेकिन वो ऐसा कर नहीं पाए. पुलिस के अनुसार आरोपियों ने कन्हैयालाल की गला रेतकर हत्या की थी.
- इस मामले में पुलिस ने दो और आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जांच अधिकारी के अनुसार ये दोनों आरोपी दूसरे विकल्प के तौर पर कन्हैयालाल की दुकान के पास खड़े थे. अगर रियाज और गौस कन्हैयालाल की हत्या नहीं कर पाते तो भी ये उनकी मदद करते.
- पुलिस के अनुसार इन दो आरोपियों ने मुख्य आरोपियों घटनास्थल से भागने में मदद की है. जांच अधिकारियों को मोहम्मद गौस का एक स्कूटर भी मिला था जो आगे चलकर इस मामले में बड़ा सबूत साबित हुआ.
- टेलर कन्हैयालाल ने पड़ोसियों द्वारा सोशल मीडिया पर धमकी मिलने की शिकायत भी की थी. हालांकि बाद में पुलिस ने मामले में हस्तक्षेप करते हुए इसे सुलझाने का दावा किया था.
- टेलर कन्हैयालाल की पत्नी जशोदा ने कहा कि सोशल मीडिया पर मिल रही धमकियों को ध्यान में रखते हुए कन्हैयालाल बीते एक सप्ताह से अपनी दुकान पर नहीं जा रहे थे. मंगलवार के दिन वो पहली बार कई दिनों बाद दुकान पर गए थे.
- NIA के अधिकारियों ने शुरुआत में इस मामले के पीछे अंतरराष्ट्रीय लिंक होने की संभावना की तरफ भी इशारा किया था. हालांकि, इसे लेकर अभी भी जांच जारी है.
- NIA ने इस मामले में जांच की शुरुआत गृहमंत्रालय के आदेश के बाद किया है. इस मामले को लेकर राजस्थान में राजनीति भी हो रही है. केंद्र सरकार ने गहलोत सरकार पर कट्टरता के खिलाफ नरम रुख रखने का आरोप लगाया है.
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