सीएम बनने के बाद एकनाथ शिंदे अब गोवा में साथी विधायकों की टीम के पास वापस लौटे

एकनाथ शिंदे खेमा जोर देकर कहता है कि अब यही शिवसेना है, क्योंकि उद्धव ठाकरे पार्टी में अल्पमत में हैं.

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महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 2-3 जुलाई को बुलाया गया है...

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे गुरुवार को महाराष्ट्र के 20वें मुख्यमंत्री बन गए जब उनके गुट ने 31 महीने पुरानी उद्धव ठाकरे सरकार को सत्ता से बेदखल करने के लिए भाजपा के साथ हाथ मिला लिया.

जानें मामले से जुड़ी बड़ी बातें
  1. महाराष्ट्र विधानसभा का दो दिवसीय विशेष सत्र 2 जुलाई से होगा. इस बीच शिंदे गोवा लौट आए हैं, जहां बागी विधायक डेरा डाले हुए हैं.
  2. भाजपा के देवेंद्र फडणवीस (जिनके सीएम बनने की अटकलें थीं )ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के तीन घंटे बाद ही कहा कि वे सरकार से बाहर रहेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि यह सुचारू रूप से चले.
  3. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ने "बड़ा दिल" दिखाया और यह निर्णय महाराष्ट्र के प्रति उनके सच्चे समर्पण और सेवा के रवैये को दर्शाता है, शिंदे को भाजपा का पूरा समर्थन मिलेगा.
  4. एकनाथ शिंदे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, फडणवीस और अन्य भाजपा नेताओं को धन्यवाद दिया.  उन्होंने कहा कि ये उनकी उदारता है. उनके पास एक बड़ा जनादेश था, फिर भी उन्होंने मुझे मुख्यमंत्री बनाया, ऐसा कौन करता है?
  5. शरद पवार ने ANI से कहा कि मुझे लगता है कि फडणवीस ने खुशी से नंबर दो का स्थान स्वीकार नहीं किया है. उनके चेहरे के भाव ने सब कुछ बयां कर दिया.'' हालांकि वह नागपुर से हैं और उन्होंने एक 'स्वयंसेवक' (आरएसएस के साथ) के रूप में काम किया है और वहां, जब कोई आदेश आता है, तो उसका पालन करना पड़ता है.
  6. उद्धव ठाकरे को 31 महीने पुरानी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के 24 घंटे से भी कम समय में 58 साल के शिंदे ने मुंबई के राजभवन में शपथ ली.
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  8. उद्धव ठाकरे का इस्तीफा बुधवार को शिंदे द्वारा शिवसेना के कम से कम 39 विधायकों के साथ विद्रोह का नेतृत्व करने के कुछ दिनों बाद आया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि ठाकरे ने शिवसेना विधायकों की मांग को नजरअंदाज कर दिया था कि कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन समाप्त कर दिया जाना चाहिए.
  9. फडणवीस ने कहा, "शिवसेना ने उन लोगों के साथ गठबंधन करना चुना जिनके खिलाफ बालासाहेब ने जीवन भर विरोध किया. शिवसेना ने लोगों के जनादेश का अपमान किया."
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  11. शिंदे खेमा जोर देकर कहता है कि अब शिवसेना वही हैं, क्योंकि उद्धव ठाकरे पार्टी में अल्पमत में हैं. उन्होंने कहा, "यह अब सवाल ही नहीं उठता कि असली शिवसेना कौन है, हमारे पास कानूनी बहुमत है और इसलिए हमारा विधायक दल है."
  12. ठाकरे सरकार में वरिष्ठ मंत्री रह चुके एकनाथ शिंदे ने कहा कि उन्होंने राज्य के विकास के लिए 50 विधायकों के समर्थन से (एमवीए सरकार के खिलाफ विद्रोह करने का) निर्णय लिया और "इसमें कोई व्यक्तिगत हित शामिल नहीं था." 
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