कैलाश मानसरोवर के दर्शन अब उत्तराखंड से भी हो पाएंगे....
कैलाश मानसरोवर यात्रा लगातार चार सालों से किसी ना किसी कारण से स्थगित हो रही है. कभी कोविड तो कभी चीन के साथ तनाव भी कारण रहे. वहीं अब भगवान शंकर के भक्त जल्द ही उत्तराखंड के लिपुलेख से कैलाश मानसरोवर के दर्शन कर पाएंगे.
पढ़ें 5 बड़ी बातें
- उत्तराखंड के पर्यटन विभाग ने पुराने लिपुलेख शिखर से तीर्थ यात्रियों को भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश पर्वत की झलक दिखाने की संभावना ढूंढ निकाली है. उत्तराखंड प्रशासन की एक टीम ने लिपुलेख चोटी, नाभीढांग और आदि कैलाश क्षेत्र का दौरा किया है और जल्द राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी जाने वाली है.
- NDTV ने टीम एक सदस्य कृति चंद से बात की तो उन्होंने बताया कि आप कैलाश मानसरोवर के लिए काठगोदाम से धारचूला से बुद्धि से नाभीढांग तक गाड़ी से फिर वहां से पैदल यात्रा के लिए जा सकते हैं, जो पैदल यात्रा है वो थोड़ी मुश्किल है क्योंकि वो खड़ी चढ़ाई है.
- इसके साथ ही जहां से दर्शन होते हैं, उसकी ऊंचाई 17500 फीट है, इसीलिए वहां तक पहुंचने से पहले या बुद्धि या फिर गूंजी पर अपने आपको मौसम के अनुसार ढालने के लिए एक दिन यहां रुकना जरूरी है. वैसे बीआरओ ने चोटी के आधार तक सड़क का निर्माण भी कर दिया है.
- वैसे, इस साल अगर आप नियमित रूट से यात्रा करने का विचार करते हैं तो वो आपको महंगा पड़ेगा, हालांकि चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए वीजा देने शुरू कर दिए हैं, लेकिन साथ ही नियम भी कड़े कर दिए हैं.
- चीन ने इस यात्रा की फीस लगभग दोगुनी कर दी है. अब भारतीयों को इस यात्रा के लिए कम से कम 1.85 लाख रुपये खर्च करने होंगे. पहले सिर्फ़ 90,000 में आप यात्रा कर सकते थे. अगर आप अपनी सुविधा के लिए किसी नेपाल वर्कर या हेल्पर को साथ रखते हैं तो 'ग्रास डैमेजिंग फी' के नाम पर 300 डॉलर यानी 24 हजार रुपये अलग से देने होंगे. यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन प्रोसेस 1 मई से शुरू हो चुका है. ये यात्रा अक्टूबर तक चलेगी.
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