आरोपी गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
चित्रदुर्ग के प्रभावशाली लिंगायत मुरुगा मठ के प्रमुख महंत शिवमूर्ति को चित्रदुर्ग की अदालत ने पांच सितंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है. गुरुवार रात गिरफ्तारी के बाद से ही वो 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में थे. महंत पर दो नाबालिग लड़कियों के यौन शोषण और बलात्कार का आरोप है. इस मामले में आरोपी गर्ल्स हॉस्टल की वार्डन को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
- महंत शिवमूर्ति की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर जब जगह-जगह धरना प्रदर्शन होने लगे तो आखिरकार पुलिस और राज्य की बीजेपी सरकार दबाव में आई और महंत शिवमूर्ति को गिरफ़्तार किया गया.
- हालांकि उनके खिलाफ आरोप दर्ज होने के बाद उनकी गिरफ़्तारी में भी एक हफ़्ता लग गया. ऐसे में पुलिसिया कार्रवाई सवालों के घेरे में है.
- पूरे मामले में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा, " मैं इस विषय पर किसी भी जवाब के लिए बाध्य नहीं हूं, मैंने पहले भी कहा कि कानून अपना काम करेगा."
- मुख्यमंत्री ने कहा, " सरकार ने विभाग को पूरी आजादी दी है कि वो अपनी विवेचना से काम करें. इस विषय पर और अधिक बोलना उचित नहीं है."
- दरअसल, राज्य के मुख्यमंत्री लिंगायत हैं. उनकी हिचक की वजह समझी जा सकती है. पूर्व लिंगायत नेता येदियुरप्पा पहले ही शिवामूर्ति को क्लीन चिट दे चुके है.
- सत्ताधारी बीजेपी से इतर कांग्रेस और जेडीएस भी चित्रदुर्ग के शक्तिशाली मुरुगा मठ के महंत के खिलाफ बयान देने को तैयार नहीं हैं.
- पूर्व मुख्यमंत्री व जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने कहा, " यह बड़ा ही संवेदनशील मामला है. एक राजनेता के तौर पर मुझे कुछ नहीं बोलना चाहिए." उन्होंने कहा, " इस पर बस मैं इतना ही कहना चाहता हूं कि जो भी कानूनी प्रक्रिया है उसका सरकार पालन करे ताकि समाज का भरोसा बना रहे."
- गौरतलब है कि महंत शिवमूर्ति के ख़िलाफ़ मठ के होस्टल में रहने वाली दो नाबालिग लड़कियों ने यौन-शोषण और बलात्कार का मामला दर्ज कराया है. पॉक्सो ऐक्ट भी लगा. फिर भी पुलिस लंबे समय तक चुपचाप बैठी रही. रात में गिरफ्तारी के बाद महंत सुबह सीने में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचे.
- स्वामी को दिल की गंभीर बीमारी है. ऐसे में उन्हें इलाज की ज़रूरत हैऔर उनका इलाज आईसीयु में ही हो सकता है. कोर्ट ने साफ़ कर दिया है कि फिलहाल पुलिस हिरासतम में ही उनका इलाज चलेगा. अगर गंभीर हुए तो अस्पताल में भर्ती कराया जा सकता है.
- पॉक्सो और बलात्कार की धारा लगने के बावजूद पुलिस की हिम्मत ताकतवर लिंगयत संत से पूछताछ करने की एक हफ्ते तक नहीं हुई. सत्त्ता पक्ष हो या विपक्ष, इस कद्दावर लिंगयत संत की गिरफ्तारी के मुद्दे पर भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है. ऐसे में जांच की दिशा और दशा का अंदाज़ा सहज ही लगाया जा सकता है.
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