Cyclone Remal: चक्रवात रेमल से कई हिस्सों में तबाही
 
                                                                                                                Cyclone Remal Updates : पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान 'रेमल' के पहुंचने के एक दिन बाद सोमवार को भारी तबाही का मंजर दिखा. तूफान रेमल की वजह से कई जगहों पर झोपड़ियों की छत हवा में उड़ गयीं, पेड़ उखड़ गये और बिजली के खंभे गिर गये, जिस कारण कोलकाता सहित राज्य के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई.
- 135 किलोमीटर थी हवा की रफ्तारःपश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में चक्रवाती तूफान 'रेमल' ने बड़ी भारी तबाही मचाई है. इस तबाही का मंजर सोमवार को साफ देखा जा सकता है. तूफान के असर की वजह से बीती रात 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चली थीं. इस चक्रवाती तूफान ने बंगाल के सागर द्वीप और बांग्लादेश के खेपुपारा के बीच के तटीय इलाकों पर भी भारी तबाही मचाई.
- छत हवा में उड़ी, पेड़ उखड़ गये और खंभे भी धराशायी: 'रेमल' के पहुंचने की प्रक्रिया की शुरुआत रविवार रात साढ़े आठ बजे से शुरू हुई थी. तूफान ने प्रभावित इलाकों में कई संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचाया है. तटीय इलाकों को हुई क्षति को साफ तौर पर देखा जा सकता है. रेमल में कई झोपड़ियों की छत हवा में उड़ गयीं, यहां तक कि पेड़ उखड़ गये और बिजली के खंभे गिर गये. नतीजतन कोलकाता सहित राज्य के कई हिस्सों में बिजली की आपूर्ति प्रभावित हुई.
- भारी बारिश से घरों और खेतों में भरा पानी: रेमल की वजह से कई जगह पर जोरदार बारिश हुई. इस दौरान कई जगहों से जलभराव की खबरें आ रही हैं जिसके कारण प्रभावित लोगों की मुश्किलें और बढ़ गयीं. तूफान रेमल की वजह से भारी बारिश हुई जो सोमवार सुबह भी जारी रही और घरों एवं खेतों में पानी भर गया. जानकारी के मुताबिक सुंदरवन के गोसाबा इलाके में मलबे की चपेट में आने से एक व्यक्ति घायल हो गया.
- सुरक्षित जगहों पर भेजे गए 1 लाख से अधिक लोग: कोलकाता के बिबीर बागान इलाके में लगातार बारिश के कारण एक दीवार गिरने से एक व्यक्ति घायल हो गया. पश्चिम बंगाल सरकार ने चक्रवाती तूफान के आने से पहले संवेदनशील इलाकों से एक लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया था. सागर द्वीप, सुंदरबन और काकद्वीप सहित दक्षिण 24 परगना जिले से लोगों को मुख्य रूप से बाहर निकाला गया.
- तूफान से प्रभावित इलाकों में संपत्ति को भारी नुकसान: लोगों को बाहर निकालने से हजारों जिंदगियां बच गईं लेकिन संपत्ति को भारी नुकसान पहुंचा है. उत्तर व दक्षिण 24 परगना और पूर्वी मेदिनापुर जिलों में भारी नुकसान की सूचना भी आ रही है. चक्रवाती तूफान के कारण दीघा, काकद्वीप और जयनगर जैसे इलाकों में बारिश हुई और हवाएं चलीं, जो सोमवार को तेज हो गईं. फिलहाल सामान्य स्थिति बहाल करने के प्रयास जारी हैं.
- मलबा हटाने और बिजली बहाल करने की कोशिश: आपातकालीन सेवाएं प्रभावित क्षेत्रों में मलबा हटाने और बिजली बहाल करने के प्रयास में जुटी हैं लेकिन लगातार हो रही भारी बारिश के कारण इन कार्यों में बाधा आ रही है. पीएम मोदी ने चक्रवाती तूफान ‘रेमल' से निपटने को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की. उन्होंने गृह मंत्रालय से स्थिति की निगरानी करने और चक्रवात के आने के बाद समीक्षा करने तथा सेवाओं की बहाली के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कहा है.
- बंगाल के राज्यपाल ने प्रभावित इलाके का लिया जायजा : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल डॉ. सी.वी. आनंद बोस ने कहा कि वह स्थिति पर करीब से नजर रख रहे हैं और चक्रवात से निपटने को लेकर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्रीय विशेषज्ञों के साथ लगातार संपर्क में हैं. बोस ने आज सुबह प्रभावित इलाकों में जाकर स्थिति का भी जायजा लिया.
- लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह: चक्रवात के कारण पहले ही दीघा, काकद्वीप और जयनगर जैसे इलाकों में हल्की बारिश के साथ हवाएं चल रही हैं, जिसके सोमवार को और तेज होने की संभावना है. सोमवार सुबह तक पश्चिम बंगाल के तटीय इलाकों में हवा की गति 100-120 किमी प्रति घंटा से लेकर 135 किमी प्रति घंटा तक पहुंच सकती है. प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को घर के अंदर रहने और कमजोर इमारतों से दूर रहने की सलाह दी गई है.
- चक्रवाती तूफान ‘अम्फान' से भी हुआ था नुकसान: इससे पहले चक्रवाती तूफान ‘अम्फान' 2020 में 20 मई को सागर द्वीप पर पहुंचा था. कोलकाता, दक्षिण और उत्तर 24 परगना, हावड़ा और नादिया में इससे काफी नुकसान पहुंचा था. एनडीआरएफ की 14 टीम को कोलकाता, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा और हुगली सहित दक्षिण बंगाल के जिलों में तैनात किया गया है. राज्य सरकार ने राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम भी तैयार रखी हैं.
- रेल और हवाई यातायात भी प्रभावित: चक्रवात को देखते हुए पूर्वी और दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एहतियात के तौर पर दक्षिण और उत्तर 24 परगना और पूर्व मेदिनीपुर जिले के तटीय जिलों में कई ट्रेन सेवाएं रद्द कर दी हैं. कोलकाता हवाई अड्डे के अधिकारियों ने चक्रवात ‘रेमल' के संभावित प्रभाव के कारण रविवार दोपहर से 21 घंटे के लिए उड़ान संचालन निलंबित करने का फैसला किया. भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण (एएआई) के एक प्रवक्ता ने कहा कि उड़ान निलंबन अवधि के दौरान अंतरराष्ट्रीय और घरेलू दोनों क्षेत्रों में आने-जाने वाली कुल 394 उड़ानों का हवाई अड्डे से संचालन नहीं होगा.
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