हुबली के ईदगाह मैदान में गणेश उत्सव
बेंगलुरु में ईदगाह मैदान पर शीर्ष अदालत के आदेश के तुरंत बाद, कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि यह वास्तव में एक "सार्वजनिक संपत्ति" है और इसके स्वामित्व पर कानूनी लड़ाई अदालतों में जारी रहेगी.
इस विवाद से जुड़ी 10 बड़ी बातेः
- आधी रात को हुए एक असाधारण सुनवाई में कर्नाटक उच्च न्यायालय ने हुबली के ईदगाह मैदान में एक गणेश पंडाल की स्थापना की अनुमति दी. एक स्थानीय मुस्लिम संगठन ने वहां समारोह की अनुमति देने के नागरिक निकाय के कदम का विरोध करते हुए कहा था कि नगर आयुक्त "पूजा स्थल को बदलने की कोशिश कर रहे थे."
- अदालत के आदेश के तुरंत बाद भगवान गणेश की एक मूर्ति को मैदान में स्थापित किया गया और कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण ढंग से समारोह आयोजित किया गया.
- उच्च न्यायालय ने कहा कि बेंगलुरू ईदगाह जमीन के मामले में स्वामित्व को लेकर "गंभीर विवाद" है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने पहले कर्नाटक वक्फ बोर्ड की एक याचिका पर "यथास्थिति" का आदेश दिया था. जबकि हुबली में हालात अलग हैं – वहां वाहनों की पार्किंग भी होती है और दूसरे कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल होता है. हुबली का मैदान निश्चित तौर पर पूजा का स्थान नहीं है. "तथ्य अलग हैं," अदालत ने कहा.
- उच्च न्यायालय ने पाया कि हुबली ईदगाह मैदान हुबली-धारवाड़ नगर निगम के अधीन है और याचिकाकर्ता अंजुमन-ए-इस्लाम एक लाइसेंसधारी है, जिसे दो मौकों - रमजान और ईद पर मैदान का उपयोग करने की अनुमति है।
- न्यायाधीश ने कहा, "यह (हुबली मैदान) निगम की संपत्ति है और निगम जो भी उचित समझे वह कर सकता है. उनके पास प्रार्थना करने के लिए दो दिन हैं, रमजान और बकरी ईद, निश्चित रूप से इसमें हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है."
- राज्य सरकार द्वारा बेंगलुरु मैदान पर गणेश चतुर्थी समारोह की अनुमति देने के बाद, वक्फ बोर्ड ने अदालतों का दरवाजा खटखटाते हुए कहा था, "इस संपत्ति में किसी अन्य समुदाय की तरफ से कोई धार्मिक आयोजन नहीं किया गया है ... इसे कानून के अनुसार वक्फ संपत्ति घोषित किया गया है. अचानक 2022 में, वे कहते हैं कि यह विवादित भूमि है, और वे यहां गणेश चतुर्थी उत्सव आयोजित करना चाहते हैं"।
- वकील दुष्यंत दवे ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था, "धार्मिक अल्पसंख्यकों को यह आभास न दें कि उनके अधिकारों को कुचला जा सकता है."
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उच्च न्यायालय 2.5 एकड़ के बेंगलुरु ईदगाह मैदान के स्वामित्व पर फैसला करेगा. गौरतलब है कि वहां पुलिस और रैपिड फोर्स की भारी तैनाती जारी है.
- बेंगलुरु में ईदगाह मैदान पर शीर्ष अदालत के आदेश के तुरंत बाद, कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि यह वास्तव में एक "सार्वजनिक संपत्ति" है और इसके स्वामित्व पर कानूनी लड़ाई अदालतों में जारी रहेगी.
- मंत्री आर अशोक ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करेगी, लेकिन उन्हें कानूनी रूप से चुनौती देना जारी रखेगी.
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Featured Video Of The Day
Russia Ukraine War: यूक्रेन पर मिसाइल दागकर Vladimir Putin ने मददगारों को धमकाया | NDTV India