बीजेपी ने पूर्वोत्तर के राज्यों में चुनाव में अच्छा प्रदर्शन किया है.
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों में हुए हालिया विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 'परफेक्ट थ्री' हासिल किया है. बीजेपी त्रिपुरा में स्पष्ट बहुमत, नागालैंड में अपने सहयोगी एनडीपीपी के साथ बड़ी जीत और मेघालय में कोनराड संगमा के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है.
- मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा के आसार लग रहे थे. एनपीपी के नेता और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने फिर नए तरीके से गठबंधन बनाने को लेकर बीजेपी के मुख्य रणनीतिकार अमित शाह को फोन किया और उनका समर्थन मांगा. बीजेपी ने एनपीपी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद सत्तारूढ़ सहयोगियों ने अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया था.
- कोनराड संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी 26 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनी, जबकि भाजपा ने 60 सदस्यीय विधानसभा में सिर्फ दो सीटें जीतीं। वहीं यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी, जो कि NPP की सहयोगी थी, दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, जिसने 2018 में छह सीटों की तुलना में 11 सीटें जीतीं. साथ ही तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस ने यहां पांच-पांच सीटें जीती हैं.
- त्रिपुरा में बीजेपी ने 32 सीटों पर जीत हासिल की और उसके सहयोगी, इंडीजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) ने एक सीट जीती. ऐसे में सत्ता में बरकरार रहने के लिए जरूरी 30 के आंकड़े को पार कर लिया. हालांकि, ये संख्या मुख्यमंत्री माणिक साहा द्वारा भविष्यवाणी की गई 'सुनामी' और भाजपा के 2018 के स्कोर 36 से कम है.
- तत्कालीन शाही प्रद्योत माणिक्य देबबर्मा की टिपरा मोथा पार्टी चर्चा में थीं, जिन्होंने अपने पहले ही चुनाव में 13 सीटें जीतीं और राज्य में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. आदिवासी समर्थित टिपरा मोथा का उदय भाजपा के स्थानीय सहयोगी आईपीएफटी की कीमत पर हुआ, जिनकी संख्या आठ से घटकर एक हो गई.
- नागालैंड में भाजपा ने 12 सीटें बरकरार रखीं, उसकी सहयोगी राष्ट्रवादी लोकतांत्रिक प्रगतिशील पार्टी (एनडीपीपी) ने भारी जनादेश के साथ दूसरा कार्यकाल हासिल करने के लिए 25 सीटें जीतीं. गठबंधन ने पिछले चुनाव में 30 सीटों पर जीत हासिल की थी. एनडीपीपी की दोनों महिला उम्मीदवारों की जीत के साथ, स्वतंत्रता के बाद से राज्य में पहली बार महिला विधायक भी बनीं.
- तीनों राज्यों को अपने बधाई संदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि परिणाम लोगों के "देश में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक संस्थानों में दृढ़ विश्वास" दिखाता है. प्रधानमंत्री ने कहा, "जिस तरह से पूर्वोत्तर चुनाव परिणामों को बड़े पैमाने पर देखा गया है, वह दिखाता है कि यह क्षेत्र न तो दिल्ली से दूर है और न ही दिल से."
- त्रिपुरा में भाजपा के लिए यह दूसरा जनादेश सीपीएम के लिए एक करारी हार थी, जिसने 35 सालों तक राज्य पर शासन किया. चुनाव से पहले, सीपीएम ने कांग्रेस के साथ गठजोड़ किया था, जिसे अपनी संख्या बढ़ाने के अंतिम प्रयास के रूप में देखा गया.
- त्रिपुरा में कांग्रेस गठबंधन की कुल संख्या 14 में सिर्फ तीन सीटें ही जोड़ सकी. वहीं मेघालय में, कांग्रेस ने लड़ी गई 60 सीटों में से सिर्फ पांच पर जीत हासिल की और नागालैंड में तो अपना खाता खोलने में भी वो विफल रही, यहां उसने 60 में से 23 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे.
- कांग्रेस के नए अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पूर्वोत्तर में पार्टी के चुनावी प्रदर्शन पर कहा कि 'छोटे राज्य' केंद्र में जिसकी सरकार है आम तौर पर उसके साथ जाते हैं.
- पीएम मोदी से मल्लिकार्जुन खरगे के बयान पर कहा कि टिप्पणी "जनादेश और पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों का अपमान है." उन्होंने कहा, "आज के नतीजों ने पूर्वोत्तर के बारे में कांग्रेस की सोच को उजागर कर दिया है."
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