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हेट स्पीच: 3 साल की सजा के बाद आजम खान की जा सकती है विधायकी, पढ़ें 10 पॉइंट्स

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan)को हेट स्पीच मामले (Hate Speech)में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई है. रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने यह सजा सुनाई. इसके साथ ही आजम खान पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. 

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आजम खान अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में नंबर दो नेता हैं.

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan)को हेट स्पीच मामले (Hate Speech)में दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई गई है. रामपुर की MP/MLA कोर्ट ने यह सजा सुनाई. इसके साथ ही आजम खान पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. 

यहां पढ़ें 10 बड़े अपडेट...
  1.   आजम खान पर 2019 में आम चुनाव अभियान के दौरान पीएम मोदी, योगी आदित्यनाथ और तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, आईएएस अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह को निशाना बनाकर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया था.
  2. समाजवादी नेता आजम खान ने प्रधानमंत्री मोदी पर देश में ऐसा माहौल बनाने का आरोप लगाया था, जिसमें मुसलमानों का रहना मुश्किल हो गया था.
  3. आजम खान अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में नंबर दो नेता हैं. रामपुर और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अन्य हिस्सों में उनके मजबूत समर्थक हैं.
  4. उत्तर प्रदेश के रामपुर अदालत ने आजम खान पर हेट स्पीच मामले में 25,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
  5. ऐसे में अब उनकी विधायकी जाना तय हो गया है. बता दें कि इस समय आजम खान रामपुर शहर विधानसभा से विधायक हैं., नियम के मुताबिक जब किसी भी विधायक को दो साल से अधिक जेल की सजा सुनाई जाती है, तो उनकी विधायकी चली जाती है.
  6. सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिलने के बाद आजम खान को मई में जेल से रिहा किया गया था.
  7. जमीन हड़पने के एक मामले में वह करीब दो साल जेल में रह चुके हैं.
  8. जमानत पाने के लिए आजम खान ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार उनके खिलाफ लगातार मामले दर्ज कर रही है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह जेल में रहें.
  9.  आजम खान पर भ्रष्टाचार और चोरी सहित लगभग 90 मामले दर्ज हैं. ये मामले 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद दर्ज हुए हैं.
  10. आजम खान को दोषी ठहराए जाने के एक हफ्ते बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकारों को नफरत भरे भाषणों पर कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा था. कोर्ट ने चेतावनी दी कि एक्शन लेने में कोई भी देरी अदालत की अवमानना ​​​​होगी.





     

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