Yogini Ekadashi 2025: आज योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के इन मंत्रों का करें जाप, दीप दान करने पर भी मिलेगा फल

Yogini Ekadashi Mantra: योगिनी एकादशी की विशेष धार्मिक मान्यता होती है. ऐसे में यहां जानिए किस तरह योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु को प्रसन्न किया जा सकता है.

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Lord Vishnu Mantra: इन मंत्रों से संपन्न होगी भगवान विष्णु की पूजा. 

Yogini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में योगिनी एकादशी का विशेष महत्व होता है. इस एकादशी पर पूजा करने पर माना जाता है कि इससे मुक्ति मिलती है, आरोग्य का वरदान मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा करने पर पापों से मुक्ति भी मिल जाती है. पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी योगिनी एकादशी का व्रत 21 जून, शनिवार के दिन रखा जा रहा है. इस दिन भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए किन मंत्रों (Vishnu Mantra) का जप किया जा सकता है और किस तरह दीप दान कर सकते हैं जानिए यहां. 

योगिनी एकादशी पर दीपदान 

  • मान्यतानुसार योगिनी एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिर जाकर शाम के समय दीपक जलाया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करना बेहद पुण्य देने वाला होता है और इससे वैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है. 
  • गोशाला या मंदिर के परिसर में दीप दान करना भी शुभ होता है.
  • तुलसी (Tulsi) के सामने दीप जलाना भी इस दिन बेहद शुभ माना जाता है. कहते हैं ऐसा करने पर सौभाग्य की प्राप्ति होती है और आरोग्य का वरदान मिलता है. 
  • योगिनी एकादशी के मौके पर नदी के किनारे दीप दान करना भी बेहद शुभ माना जाता है. पवित्र नदियों के करीब दीपदान करने पर हजारों दीपदान करने जितना फल प्राप्त होता है. 
भगवान विष्णु के मंत्र (Lord Vishnu Mantra) 

ॐ विष्णवे नमः
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि। तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥:
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय:
विश्वाधारं गगनसदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम्। वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्वलोकैकनाथम्॥:
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुडध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरीकाक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥:
श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे, हे नाथ नारायण वासुदेवाय:

विष्णु सहस्रनाम का पाठ

 शान्ताकारं भुजंगशयनं पद्मनाभं सुरेशं
 विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्ण शुभांगम् ।
 लक्ष्मीकांत कमलनयनं योगिभिर्ध्यानगम्यं
 वन्दे विष्णु भवभयहरं सर्व लौकेक नाथम् ॥

भगवान विष्णु के पंचरूप मंत्र

ॐ अं वासुदेवाय नम:।।
ॐ आं संकर्षणाय नम:।।
ॐ अं प्रद्युम्नाय नम:।।
ॐ अ: अनिरुद्धाय नम:।।
ॐ नारायणाय नम:।।
ॐ ह्रीं कार्तविर्यार्जुनो नाम राजा बाहु सहस्त्रवान। यस्य स्मरेण मात्रेण ह्रतं नष्‍टं च लभ्यते।।

धन-समृद्धि मंत्र

ॐ भूरिदा भूरि देहिनो , मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि ।

ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन्। आ नो भजस्व राधसि ।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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