First holi in sasural: होली के त्योहार को ज्यादा दिन नहीं है. इसकी तैयारियां घरों में शुरू हो चुकी हैं. कोई पापड़ बना रहा है तो कोई चिप्स. कुछ तो शॉपिंग करने निकल पड़े हैं रंगों की और कपडों की. हर्षोल्लास से भरा हुआ होता है होली का त्योहार गीत संगीत और पकवान से लबरेज होता है. खुशियों के इस त्योहार में आखिर नई बहु पहली होली ससुराल में क्यों नहीं मनाती हैं इसके बारे में आपने कभी सोचा है. आखिर क्या मान्यता है इसके पीछे, आज इस लेख में हम उसी की बात करने जा रहे हैं जिसके बाद आपको इसका जवाब मिल जाएगा.
ससुराल में पहली होली ना मनाने के पीछे मान्यता
- अगर दुल्हन पहली होली ससुराल में मनाती है तो ऐसी मान्यता है कि इससे घर में क्लेश बढ़ता है. और अगर होलिका दहन देख ले तो सांस के साथ रिश्ते बिगड़ते हैं.
- अगर शादी के बाद वह पहली होली मायके में मनाती है तो इससे वैवाहिक जीवन अच्छा होता है साथ में ससुराल पक्ष के सदस्यों से रिश्ते अच्छे होते हैं.
- वहीं, पहली होली मायके में मनाने से होने वाली संतान का स्वास्थ्य अच्छा होता है. गर्भवती महिला को भी पहली होली मायके में ही सेलिब्रेट करनी चाहिए.
- शादी के बाद पहली होली पति के साथ मायके में खेलने से भी दोनों के रिश्ते में मधुरता आती है. इससे ससुराल वालों के साथ भी रिश्ते अच्छे होते हैं दामाद के. इस लिहाज से पहली होली बहु को ससुराल में नहीं बल्कि मायके में मनानी चाहिए.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)